cy520520 • 2025-12-27 16:26:56 • views 320
भागलपुर में जलयान। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अब शहर से सटी गंगा के रास्ते से बड़े-बड़े जलयान गुजरेंगे। विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जलयान के संचालन के लिए मानिक सरकार घाट पर ड्रेजिंग कार्य किया जा रहा है। यही नहीं, गंगा नदी की गोद से अतिक्रमण भी हटाया जाएगा। कार्रवाई के लिए भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राष्ट्रीय जलमार्ग किया है घोषित
भारत सरकार ने हल्दिया से इलाहाबाद तक गंगा नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-01 घोषित किया है। विश्व बैंक की वित्तीय एवं तकनीकी सहायता से हल्दिया से वाराणसी तक सुरक्षित जलमार्ग (नौवहन चैनल) का विकास एवं संवर्द्धन के लिए 5369 करोड़ रुपये की जलमार्ग विकास परियोजना कार्यान्वित की जा रही है।
इस परियोजना में नेविगेशनल लौक का निर्माण, मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण, सामुदायिक जेट्टी की स्थापना और नदी की गहराई बढ़ाने के लिए ड्रेजिंग जैसे कार्य शामिल हैं।
जलमार्ग विकास परियोजना की स्वीकृति पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दी गई है, जिसका उद्देश्य जलयानों की सुगम आवाजाही के लिए उपयुक्त जलमार्ग का विकास करना है।
अतिक्रमण के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस संदर्भ में मानिक सरकार घाट पर जुलाई से नवम्बर तक जलयान के नौवहन के रूट (जलमार्ग) पर अतिक्रमण रोकने के लिए भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक अरविंद कुमार ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।
भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उप कार्यालय के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान भागलपुर शहर की ओर बहने वाले द्वितीयक चैनल की मुख्य धारा में जलयान के नौवहन के लिए रूट में पुल एवं पीसीसी सड़क का निर्माण कर अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है।
भारतीय राजपत्र 2007, 2022 एवं 2025 में अधिसूचित अधिसूचना के अनुसार जलमार्ग पर स्थायी-अस्थाई किसी भी प्रकार के निर्माण के पूर्व अनापति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। राष्ट्रीय जलमार्ग में किसी अवरोध को हटाने और अवांछित पदार्थों के नदी में निस्तारण को रोकने के लिए प्राधिकृत है।
इस संदर्भ में अनुरोध किया गया है कि नदी की नौगम्य धारा में अवरोध हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए ताकि जलयानों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो सके।
सस्ती हो जाएगी माल ढुलाई
गंगा नदी के शहर के निकट बहने और जलयान के संचालन से माल ढुलाई सस्ती हो जाएगी। कोलकाता, पटना, वाराणसी, प्रयागराज से जलयान द्वारा माल की ढुलाई की जाएगी। गंगा नदी के निकट आने से शहरवासियों को स्वच्छ और निर्मल जल मिलने लगा है, जिससे पीने के पानी की समस्या का समाधान होगा।
आने वाले समय में गंगा नदी पिकनिक स्पॉट के रूप में उभरने जा रही है। श्रद्धालुओं को मां गंगा के दर्शन करने का अवसर मिलेगा। गंगा नदी की धारा को रत्तीपुर बैरिया से भागलपुर शहर की ओर ड्रेजिंग कर परिवर्तित करने से भू-जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना है। इससे भागलपुर शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी।
जिलाधिकारी की पहल के बाद भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने गंगा नदी में ड्रेजिंग का कार्य आरंभ किया है, जिससे गंगा नदी की धारा फिर से शहर की ओर लौटने लगी है। |
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