प्रतीकात्मक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। चालू वित्तीय वर्ष का साढ़े आठ माह बीत जाने के बाद भी प्रदेश में सड़कें व पुल-पुलियों बनाने के काम में तेजी नहीं दिख रही है। वित्तीय स्वीकृतियां देर से जारी होने और टेंडर प्रक्रिया में देरी से लोक निर्माण विभाग कुल बजट के मुकाबले महज 35.8 प्रतिशत धनराशि ही खर्च कर सका है। शेष साढ़े तीन माह में तेजी से काम करके लगभग 65 प्रतिशत धनराशि को खर्च करने की बड़ी चुनौती विभाग के सामने है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांकि, विभाग का दावा है कि जनवरी से सड़कों व पुल-पुलियों के काम तेजी आएगी। 50 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं के लिए टेंडर 16 जनवरी को खोले जाएंगे। टेंडर खुलने से सप्ताहभर में टेक्निकल और फाइनेंसियल बिड को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। ।
मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 में सरकार ने पीडब्ल्यूडी की विकास से जुड़ी योजनाओं के लिए 27,875.01 करोड़ रुपये विधानित किया गया है। शासन स्तर से कुल बजट के मुकाबले 15,796.48 करोड़ रुपये (56.67 प्रतिशत बजट) की स्वीकृतियां जारी की गई हैं। विभागाध्यक्ष एके द्विवेदी ने शासन से स्वीकृति 100 प्रतिशत धनराशि का आवंटन भी कर दिया है।
कुल आवटित धनराशि 15,796 करोड़ रुपये के मुकाबले 15 दिसंबर तक 9778.60 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं। यह स्थिति तब है जबकि यह विभाग मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है। उन्होंने विकास कार्य तेजी से किए जाएं इसके लिए निर्देश भी दिए हैं। बताया जा रहा है कि शासन व विभागाध्यक्ष के स्तर से स्वीकृतियां जारी करने और बजट आवंटन में विलंब से होने की वजह से विभागीय योजनाओं के काम शुरू करने में विलंब हुए हैं। टेंडर प्रक्रिया अब चल रही है। जनवरी से काम में तेजी आएगी।
पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष एके द्विवेदी के मुताबिक इस समय टेंडर की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई गई है। जनवरी से अधिकांश काम शुरू कर दिए जाएंगे। ठंड के कारण नान बिटुमिनस के काम पूरे कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। सड़कों पर बिटुमिनस का काम 15 फरवरी के बाद होगा। उन्होंने माना है कि टेंडर प्रक्रिया विलंब से होने के कारण बजट खर्च में थोड़ा विलंब हुआ है।
50 करोड़ रुपये से अधिक की अधिकांश परियोजनाओं का टेंडर 16 जनवरी को खोला जाएगा। एक सप्ताह के अंदर इन टेंडरों की टेक्निकल व फाइनेंसियल बिड तय कर दिए जाएंगे। जिसके बाद ये सारे काम शुरू हो जाएंगे। यह भी दावा किया है कि विभाग पूरा बजट को तय समय में खर्च करेगा। सरेंडर की स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। |
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