खेतों के बीच बैठकर डकार गए 25 करोड़ का टैक्स! 8 महीने, 150 करोड़ के फर्जी बिल और अब सलाखों की तैयारी

Chikheang 2025-12-28 03:57:04 views 188
  

प्रतीकात्‍मक च‍ित्र



जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। आइटी सर्विस के नाम पर मरेना गांव में सर्वश्री महादेव इंटरप्राइजेज फर्म बनाकर संचालक ने आठ माह के दौरान 150 करोड़ रुपये के बिल दिल्ली की फर्मों को बेच दिए। जिनके माध्यम से लगभग 25 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ ले लिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कम समय में इतना अधिक व्यापार देख विभागीय अधिकारियों का माथा ठनका। बरेली से राज्य कर विभाग की विशेष जांच अनुसंधान शाखा एसआइबी के डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह शनिवार को गांव पहुंचे। जांच में पता चला कि फर्म पर कोई व्यापार हुआ ही नहीं है। इस पर तत्काल प्रभाव से फर्म का पंजीकरण निरस्त कर दिया।

फर्म के संपर्क में हरियाणा, दिल्ली सहित कुछ अन्य शहरों में बोगस फर्मों से 100 करोड़ की कर चोरी की जानकारी सामने आई है। जांच के बाद इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी कर ली है। अप्रैल 2025 में कांट के मरेना गांव निवासी सूरजपाल सिंह ने सर्वश्री महादेव इंटरप्राइजेज फर्म का जीएसटी पंजीकरण कराया था। उसने अपना व्यवसाय आइटी सर्विस दिखाया था।

आठ माह के दौरान उसने स्वयं तो कोई काम नहीं किया, लेकिनलगभग 150 करोड़ रुपये के फर्जी बिल दिल्ली की विभिन्न आइटी फर्मों को बेचे थे। जिनसे अनुमानित 25 करोड़ रुपये की जीएसटी आइटीसी के रूप में चोरी की गई। संदेह होने पर शनिवार को एसआइबी के डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह अपनी टीम के साथ मरेना गांव पहुंचे तो वहां पर व्यापार जैसी कोई गतिविधि संचालित होने की स्थिति नहीं मिली।

उससे अभिलेख मांगे तो ब्योरा नहीं दिखा सका। जांच में पता चला कि यह फर्म लखनऊ, एटा, हाथरस, दिल्ली और हरियाणा में बोगस फर्मों के संपर्क में है। इनके साथ मिलकर बड़ी संख्या में बिल जारी किए गए हैं, जिनसे 100 करोड़ से अधिक आइटीसी चोरी का अनुमान है। सूरज पाल सिंह ने अपने जीएसटी नंबर से जारी हुए 150 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों के जारी होने की जानकारी होने से इन्कार किया।

बताया कि उसकी फर्म का कार्य बेटा और दामाद देखते हैं वे लोग वर्तमान में दिल्ली में रह रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि फर्जी बिलों के आधार पर दिल्ली की विभिन्न फर्मों की ओर से निर्यात दिखाकर अवैध रूप से टैक्स रिफंड लिया जा रहा था।फर्म के पंजीकरण को निरस्त कर दिया गया है।

जिन अन्य बोगस फर्मों की जानकारी सामने आई है। उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। संबंधितों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। जांच टीम में असिस्टेंट कमिश्नर वेद प्रकाश शुक्ला, विकास मिश्रा व स्थानीय सचल दल इकाई शामिल रही।

  

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