उदयवीर सिंह, शामली। खेती को घाटे का सौदा मानने वालों के लिए चौसाना क्षेत्र के किसानों की यह कहानी मिसाल बनकर सामने आई है। यहां कुछ किसानों ने परंपरागत खेती से आगे बढ़कर ऐसी बहुफसली योजना अपनाई है, जो आने वाले वर्षों में उनकी आय को कई गुना बढ़ाने का दम रखती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
साठी धान, गन्ना, सरसों और अब पॉपुलर के पेड़—एक ही जमीन पर यह प्रयोग खेती की नई सोच को दर्शाता है।
चौसाना क्षेत्र के बल्ला माजरा निवासी शराफ़त खान ने अपनी 19 बीघा जमीन पर सबसे पहले साठी धान की फसल ली। धान की कटाई के बाद खेत की जुताई कर उसी जमीन में गन्ना बो दिया गया।
गन्ने के साथ ही उन्होंने सरसों की बुआई भी कर दी। इस समय गन्ना और सरसों दोनों फसलें खेत में लहलहा रही हैं। सरसों की कटाई में अभी करीब एक महीना शेष है, जबकि सरसों सामान्यतः 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
खास बात यह है कि अब, जब सरसों पकने के अंतिम दौर में है, उसी खेत में शराफ़त खान ने पॉपुलर के पेड़ भी लगा दिए हैं। 19 बीघा जमीन में करीब 800 पॉपुलर के पौधे रोपे गए हैं। यह पौधे पॉपुलर की 10.09 वैरायटी के हैं, जिन्हें करनाल (हरियाणा) की नर्सरी से मंगवाया गया। प्रति पौधा कीमत 31 रुपये बताई गई है।
किसान शराफ़त खान का कहना है कि पॉपुलर का पौधा लगभग पांच साल में पूरी तरह तैयार हो जाता है। वहीं गन्ने की फसल भी एक बार बोने के बाद तीन साल तक चलती है-बोर्ड, मुड्ढा और तीबरसा के रूप में कटाई मिलती है। ऐसे में गन्ने के साथ-साथ पॉपुलर भी तैयार हो जाएगा, जिससे किसान को एक साथ फसल और लकड़ी दोनों से आमदनी होगी। |