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नए साल पर दिल्लीवासियों को लगेगा झटका, पेट्रोल-डीजल-CNG वाहनों की बढ़ सकती है कीमत; क्या है वजह?

cy520520 2025-12-28 22:27:46 views 592
  

दिल्ली में अप्रैल से पेट्रोल-सीएनजी वाहनों की खरीद हो सकती है महंगी।



राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अप्रैल से दिल्ली में डीजल के साथ-साथ पेट्रोल सीएनजी की गाड़ियां भी महंगी हो सकती हैं। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए डीजल वाहन पर लगने वाले 1 प्रतिशत ग्रीन सेस (पर्यावरण शुल्क) को पेट्रोल और सीएनजी वाहनों पर भी लगाने का विचार कर रही है। हालांकि यह फाइनल नहीं है सरकार इस मामले में जनता का रुख भी देखेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सूत्रों की मानें तो सरकार इस मुद्दे पर आंतरिक तौर पर एक सर्वे करने पर भी विचार कर रही है, क्योंकि यह मुद्दा सीधे तौर पर जनता से जुड़ा हुआ है और जनता को भी सरकार नाराज नहीं करना चाहती है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तभी इस प्रस्ताव को अप्रैल से आने वाली दिल्ली सरकार की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति में शामिल किया जा सकेगा। अगर इसे लागू किया जाता है ताे दिल्ली पेट्रोल, सीएनजी वाहनों के पंजीकरण पर ग्रीन सेस लगाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगी।

बताया जा रहा है कि गत दिनों मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लेकर हुई बैठक में इस बारे में चर्चा हुई है, जिसमें डीजल के साथ पेट्रोल और सीएनजी गाड़ियों की खरीद पर 1 से 2 प्रतिशत का ग्रीन सेस लगाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई है। सरकार इस प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है वाहनों पर पर्यावरण शुल्क न लगाकर पेट्रोल डीजल पर प्रति लीटर 25 से 50 पैसे का अतिरिक्त सेस लगा दिया जाए।

सरकार दिल्ली में खरीदे जाने वाली गाड़ियों पर लगने वाले वन टाइम पार्किंग चार्ज भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। फिलहाल नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के समय वन टाइम 2000 से 4000 रुपये तक का पार्किंग चार्ज लगता है। इससे भी गाड़ियों के पंजीकरण का खर्च बढ़ सकता है।

दिल्ली में अब तक कुल पांच लाख से अधिक ई-वीकल पंजीकृत हैं। इस साल 2025 में ही अब तक पंजीकृत हुई कुल 8.11 लाख गाड़ियों में 1.11 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। 2024 में कुल इलेक्ट्रिक वाहन 80 हजार, 2023 में कुल इलेक्ट्रिक वाहन 77 हजार, 2022 में कुल इलेक्ट्रिक वाहन 63 हजार और 2021 में 35,444 कुल इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए थे। नई ईवी नीति में 10 साल से पुराने वाहनों पर पीयूसी प्रमाण पत्र की जांच के समय भी ग्रीन सेस लगाने का भी प्रस्ताव है।
वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने से पहले दिल्ली सरकार कराएगी सर्वे

दिल्ली सरकार से जुड़े अधिकारी सूत्र कहते हैं कि पेट्रोल सीएनजी वाहनों पर ग्रीन सेस लगा देना एक संवेदनशील मुद्दा है। इसे लेकर कोई भी फैसला लेने से पहले इस बात का सर्वे भी कराया जाएगा कि इसका जनता पर क्या असर पड़ेगा। सूत्र ने कहा कि दिल्ली में अप्रैल से लागू होने वाली नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति में यह एक प्रस्ताव यह जरूर आया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर लोगों को आकर्षित करने के लिए पेट्रोल और सीएनजी के वाहनों को ग्रीन शुल्क लगाकर महंगा किया जाए। मगर इस पर अभी कोई विचार नहीं किया गया है।
अन्य ईंधन से चलने वाले वाहनों को महंगा कर देना उचित कदम नहीं: अनिल छिकारा


सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना अच्छा कदम है, मगर इसके लिए अन्य ईंधन से चलने वाले वाहनों को महंगा कर देना भी उचित कदम नहीं है। यह कदम जनता के हित में नहीं होगा। सरकार को अगर निजी वाहनों से हाेने वाले प्रदूषण को कम करना है तो इसके लिए उसे वाहनों पर सब्सिडी देने से ज्यादा लास्टमाइल कनेक्टिविटी को मजबूत करना चाहिए, इस दिशा में यही एक बेहतर कदम है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी देकर सस्ता कर सकती है, मगर इससे यातायात जाम की समस्या कम होने वाली नहीं है। इसका एक ही हल है कि जो पैसा सरकार वाहन सब्सिडी पर खर्च करना चाहती है तो उसे लास्टमाइल कनेक्टिविटी पर खर्च करे। लास्टमाइल कनेक्टिविटी को इतना मजबूत किया जाए कि लोग अपने वाहन अपने घर पर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएं। - अनिल छिकारा, पूर्व उपायुक्त, दिल्ली परिवहन विभाग
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