नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से बनाया जाएगा डाग शेल्टर होम।
प्रकाश कुमार, समस्तीपुर। Rabies Prevention Program India: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने बेसहारा कुत्तों के रेबीज रोधी टीकाकरण को लेकर बड़ी पहल की है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिहार के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में लगभग सात लाख निराश्रित कुत्तों का टीकाकरण कराया जाएगा। इस योजना पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पशुपालन विभाग ने पशु चिकित्सा सेवाएं एवं पशु स्वास्थ्य योजना के तहत इसकी स्वीकृति दे दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
20वीं पशुगणना के अनुसार राज्य में कुत्तों की कुल संख्या आठ लाख से अधिक है, जिनमें लगभग छह लाख 96 हजार कुत्ते बेसहारा हैं। इन्हीं निराश्रित कुत्तों को रेबीज से बचाने और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया जा रहा है।
योजना के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से बेसहारा कुत्तों को पकड़ने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए वाहन और मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
पकड़े गए कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखा जाएगा, जहां पशुपालन विभाग द्वारा निजी टीकाकरण एजेंसियों के माध्यम से एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन कराया जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष दुनिया भर में रेबीज से 55 से 60 हजार लोगों की मौत होती है, जिनमें लगभग 36 प्रतिशत मौतें भारत में होती हैं।
इनमें से अधिकांश मामलों में संक्रमण कुत्तों के काटने से फैलता है। ऐसे में बेसहारा कुत्तों का टीकाकरण इस बीमारी की रोकथाम के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है।
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अमन श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना के लागू होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। रेबीज एक घातक विषाणुजन्य जूनोटिक रोग है, जिसके लक्षण प्रकट होने के बाद इलाज संभव नहीं होता। इसलिए टीकाकरण और जन-जागरूकता ही इससे बचाव का एकमात्र उपाय है।
सरकार की इस पहल का उद्देश्य मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं की भी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से शहरी क्षेत्रों में रेबीज के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। |