ICMR का अध्ययन 24 सितंबर 2025 को शुरू हुआ, 18 माह में होगा पूरा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कारों के भीतर मौजूद कैंसरकारी फ्लेम-रिटार्डेंट यानी आग से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित दुष्प्रभावों के अध्ययन को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) से प्रगति रिपोर्ट तलब की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
NGT ने इस मामले में वर्ष 2024 में स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू की थी। पहले की कार्यवाही में एनजीटी ने आईसीएमआर को 18 माह के अंदर व्यापक अध्ययन पूरा कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इस संबंध में आइसीएमआर ने हाल ही में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर सूचित किया कि परियोजना 24 सितंबर 2025 से औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है।
सुनवाई के दौरान वैज्ञानिकों ने एनजीटी को आश्वस्त किया कि अध्ययन निर्धारित समय-सीमा के अनुरूप आगे बढ़ रहा है और 18 माह में पूरा कर लिया जाएगा। एनजीटी ने आईसीएमआर को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई से एक सप्ताह पूर्व विस्तृत प्रगति रिपोर्ट दाखिल की जाए। मामला अब 28 अप्रैल 2026 के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
हलफनामे के अनुसार अब तक दो प्रोजेक्ट तकनीशियन और एक कार्यालय सहायक की नियुक्ति हो चुकी है। अध्ययन के लिए आवश्यक साल्वेंट, केमिकल्स और सर्टिफाइड रेफरेंस मटेरियल भी खरीदे जा चुके हैं।
अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे गर्म एवं शुष्क क्षेत्रों में फील्ड विजिट कर प्रतिभागियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही सैंपल विश्लेषण के लिए आवश्यक एलसी- एमएस उपकरण की खरीद प्रक्रिया भी जारी है।
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