दिल्ली सरकार ने शिक्षकों से कुत्तों की गिनती कराने की मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया।
एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को आवारा कुत्तों की गिनती (सेंसस) करने या शिक्षकों को इस काम में लगाने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने इसे फेक न्यूज करार देते हुए स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, शिक्षा निदेशालय की केयरटेकिंग ब्रांच ने एक सर्कुलर जारी कर सभी स्कूलों, स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त करने और उनके विवरण (नाम, पद, संपर्क नंबर, ईमेल) जमा करने को कहा था। यह निर्देश जन सुरक्षा और सुप्रीम कोर्ट के 7 नवंबर 2025 के आदेश का पालन करने के लिए था, जिसमें स्कूलों, अस्पतालों आदि से आवारा कुत्तों को हटाने और नोडल ऑफिसर नियुक्त करने का प्रावधान है।
सरकार ने कहा कि नोडल ऑफिसर केवल संपर्क बिंदु के रूप में काम करेंगे, जैसे कुत्तों के प्रवेश को रोकना, जागरूकता अभियान चलाना आदि। शिक्षकों को कुत्तों की गिनती करने या फील्ड सर्वे करने का कोई काम नहीं सौंपा गया है। कुछ रिपोर्ट्स में इस सर्कुलर की गलत व्याख्या कर फेक न्यूज फैलाई गई, जिससे भ्रम पैदा हुआ।
शिक्षक संघों ने भी अतिरिक्त गैर-शैक्षणिक काम का विरोध किया था, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया कि यह केवल प्रशासनिक समन्वय तक सीमित है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और 20 नवंबर की बैठक के अनुपालन में उठाया गया है, जिसमें बच्चों और जनता की सुरक्षा पर जोर दिया गया था। |