सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। बढ़ती ठंड अपने साथ सर्दी, खांसी, बुखार और त्वचा की रूखापन जैसी चुनौतियां भी लाती है। इस मौसम में सेहत बनाए रखने के लिए अपने शरीर के मिजाज को समझना और उसके अनुरूप आदतें अपनाना जरूरी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शरीर का मिजाज-जिसमें शरीर की गर्मी, मांसपेशियों की मजबूती, त्वचा की प्रकृति और मौसमी सहनशीलता शामिल है, जिनके आधार पर सही खानपान, दिनचर्या और खुद की देखभाल का तरीका तय होता है।
यूनानी चिकित्सक व हमदर्द वेलनेस एसोसिएट जनरल मैनेजर डॉ. नौशाद अली राना के मुताबिक खानपान और आदतों से जुड़ी पांच बातों का ख्याल रखकर सर्दी-खांसी और बुखार से दूर रहा जा सकता है।
यूनानी चिकित्सा आधारित पांच तरीके
1- सही खानपान और गर्म पेय लें
केसर और ड्राई फ्रूट वाली चाय, शहद व कलौंजी का मिश्रण या दूध में केसर व रोगन बादाम शिरीन मिलाकर पीना ऊर्जा और गर्माहट बनाए रखने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।
2- गर्माहट देने वाले खाद्य पदार्थ और मेवे करें शामिल
शरीर को गर्म और पोषित रखने के लिए बादाम, तिल और मूंगफली जैसे मेवे और ड्राई फ्रूट जरूर लें। तिल शकरी, गजक, गाजर का हलवा और गुड़ गट्टा जैसे मौसमी पकवान न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि ठंड में जरूरी पोषण भी देते हैं। पालक, लाल साग, सरसों का साग, शलजम, मूली और मेथी जैसी सब्जियां भी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती हैं।
3- सर्दियों में करें सेल्फ-केयर
सर्दियों में त्वचा का रूखापन और ऊर्जा में कमी आम है। नारियल, सरसों, जैतून या बादाम तेल से मालिश करने से त्वचा की नमी और गर्मी बनी रहती है। हल्की धूप लेना विटामिन-डी और शरीर की ऊर्जा के लिए जरूरी है। भाप लेना, साइनस को साफ करने, नाक के रास्ते को खुला रखने और सूखी सांस की नलियों को आराम देने में मदद करता है।
4- गतिविधि और आराम में रखें संतुलन
सर्दियों में हल्का-फुल्का व्यायाम पाचन सुधारता है। इस मौसम में शरीर को ज्यादा आराम की ज़रूरत होती है, इसलिए पूरी नींद जरूर लें।
5- सीजनल सप्लीमेंट्स और पाचन के लिए लाभकारी चीजें लें
खमीरा हमीदी, खमीरा अबरीशम हकीम अरशद वाला, हलवा घीकवार, अर्क अंबर और हमदोजीन जैसी यूनानी मिश्रण अतिरिक्त सहारा देते हैं। आहार में प्राकृतिक फाइबर और हमदर्द इसबगोल शामिल करने से पाचन सही रहता है। सोच-समझकर खाने की आदतें शरीर का आंतरिक संतुलन बनाए रखती हैं, जिससे सर्दियों से जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं। |