जागरण संवाददाता, पटना। जिले में बंद पड़े स्कूलों में फिर से आधार सेवा केंद्र शुरू किए जाएंगे। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देश पर जिला शिक्षा कार्यालय स्तर पर प्रत्येक प्रखंड में दो-दो आधार सेवा केंद्र खोलने के लिए स्कूलों को चिह्नित किया जा रहा है। केंद्र सरकारी स्कूलों में ही खोले जाएंगे, ताकि अभिभावक अपने बच्चों का यहां आसानी से कार्ड बना सकें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरकारी एवं निजी स्कूलों में नामांकित बच्चों का ही आधार कार्ड बनेगा। यह आधार केंद्र नए सत्र शुरू होने से पहले खुल जाएंगे। जिला शिक्षा कार्यालय ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को आधार सेवा केंद्र खोलने के लिए स्कूलों का नाम भेजने का निर्देश दिया है।
स्कूलों में आधार केंद्र संचालन के लिए बिजली, कमरे आदि की पर्याप्त सुविधा रहेगी। एक माह के अंदर एजेंसी का चयन हो जाएगा। एजेंसी चयन होने के 60 दिनों में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से आधार केंद्र शुरू करने की प्रक्रिया पूरी होगी।
2024 में भी खोला गया था आधार केंद्र
जिले के प्रत्येक प्रखंडों में स्थित स्कूलों में दो-दो आधार केंद्र सेवा शुरू की गई थी, लेकिन एजेंसी को पैसे का भुगतान नहीं होने के कारण बंद कर दिया गया था। शिक्षा विभाग को यह भी शिकायत मिली थी कि केंद्र पर परेटर द्वारा आधार कार्ड बनाने के लिए पैसे वसूले जा रहे थे। इस वजह से केंद्र को बंद करने का निर्णय लिया गया।
स्कूलों में आधार केंद्र के फायदे
-स्कूली बच्चों का आसानी से आधार कार्ड बन जाएगा
-आधार से बैंक खाता जुड़ने से योजना राशि मिलने में आसानी होगी
-विभाग को किसी का आधार जांच कराने में मदद मिलेगी
-शिक्षा विभाग के पोर्टल पर स्कूलों में नामांकित बच्चों का नाम दर्ज करने में आसानी होगी |