सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। साइबर जालसाजों ने रिटायर्ड सैन्यकर्मी समेत पांच के खातों से 4.22 लाख रुपये पार कर दिए। कहीं जालसाज ने परिचित और ट्रेडर्स कर्मी बनकर फंसाया तो कहीं नौकरी और मोबाइल चोरी कर रुपये निकाले। साइबर ठगी के यह मामले हजरतगंज, पीजीआइ, पारा व महानगर के हैं। पुलिस पांचों मामलों को दर्ज कर साइबर क्राइम सेल की मदद से जांच कर रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुराना दारूलशफा स्थित विधायक निवास-2 निवासी हीरामन सिंह यादव ने बताया कि 25 दिसंबर को उनके पास एक काल आई। फोनकर्ता ने खुद को पूजा का पति बताया। भतीजी का पति समझकर हीरामन ने बात शुरु की। इसके बाद जालसाज ने कहा कि अपोलो अस्पताल में परिचित भर्ती हैं। मैं आपको ऑनलाइन रुपये भेज रहा हूं, आप उधर ट्रांसफर कर देना। जालसाज ने फर्जी क्रेडिट मैसेज भेजकर 86,499 रुपये ट्रांसफर करा लिए।
वहीं, वृंदावन योजना-2 निवासी आनंद शुक्ला ने बताया कि सीमेंट खरीदने के लिए गूगल पर सर्च कर 12 दिसंबर को नोएडा के श्याम ट्रेडर्स के नंबर पर काल की। जालसाज ने प्रतिनिधि कल्याण सिंह बनकर सीमेंट सप्लाई का झांसा देकर 67 हजार रुपये ऐंठ लिए।
उधर, पारा के हंसखेड़ा निवासी विनय यादव ने बताया कि नौकरी के लिए मोबाइल एप पर प्रोफाइल बनायी थी। इसी दौरान उनके पास एक काल आयी। जालसाज ने प्राइवेट कंपनी में नौकरी का झांसा दिया। उसके बाद कई मदों में 1,76,700 रुपये ऐंठ लिए। इसके अलावा मूल रूप से बुलंदशहर निवासी विवेक कुमार डालीगंज बरौलिया में रहते हैं।
19 दिसंबर की सुबह वे कपूरथला चौराहे पर ई-रिक्शा में बैठकर आइटी चौराहे जा रहे थे। इसी दौरान किसी ने जेब से मोबाइल चोरी कर लिया। पीड़ित ने सिमकार्ड ब्लाक कराया। उसके बाद बैंक के टोल फ्री नंबर पर काल कर बैलेंस की जानकारी ली तो पता चला कि खाते से यूपीआई की मदद से 92,201 रुपये निकले हैं। साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद पीड़ित ने महानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। |