search

TRAI का गेम-चेंजर फैसला, विदेशी SIM से लैस IoT के लिए की ये सिफारिश

LHC0088 Yesterday 23:57 views 227
  

TRAI की बड़ी सिफारिश (प्रतिकात्मक तस्वीर)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सिफारिश की है कि M2M और IoT डिवाइस में इस्तेमाल होने वाले विदेशी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के SIM कार्ड की बिक्री को टेलीकॉम एक्ट के तहत हल्के-फुल्के सर्विस ऑथराइजेशन के जरिए रेगुलेट किया जाना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसमें प्रवेश शुल्क, नेटवर्थ, बैंक गारंटी आदि शून्य रखने, केवल 5,000 रुपये आवेदन शुल्क और 10 वर्ष वैधता का प्रस्ताव है। टेस्टिंग के लिए 6 महीने सक्रियण की अनुमति दी जाएगी।

TRAI ने कहा कि एंट्री फीस, न्यूनतम इक्विटी, न्यूनतम नेट-वर्थ, बैंक गारंटी और ऑथराइजेशन के लिए फीस शून्य होनी चाहिए, और ऑथराइजेशन के लिए एप्लीकेशन प्रोसेसिंग चार्ज के तौर पर 5,000 रुपये का प्रस्ताव दिया। रेगुलेटर ने ऑथराइजेशन के लिए 10 साल की वैलिडिटी पीरियड का सुझाव दिया है।

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के अनुसार, इंडियन कंपनीज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड कोई भी कंपनी इंटरनेशनल M2M SIM सर्विस ऑथराइजेशन प्राप्त करने के योग्य होनी चाहिए। इसमें कहा गया है, कि एक्सपोर्ट के लिए बनाए गए M2M/IoT डिवाइस में इस्तेमाल के लिए विदेशी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के SIM/eSIM कार्ड की बिक्री को टेलीकम्युनिकेशंस एक्ट, 2023 के तहत हल्के-फुल्के सर्विस ऑथराइजेशन के जरिए रेगुलेट किया जाना चाहिए।

इसमें कहा गया है कि इंटरनेशनल M2M SIM सर्विस ऑथराइजेशन ऑनलाइन और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित ऑटो-जेनरेटेड ऑथराइजेशन के साथ दिया जाना चाहिए। टेस्टिंग के मकसद से, विदेशी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के SIM/eSIM कार्ड को भारत में अधिकतम छह महीने की अवधि के लिए एक्टिवेट करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

TRAI ने कहा कि टेलीकॉम विभाग को संबंधित मंत्रालयों (वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और अन्य) के साथ समन्वय करना चाहिए ताकि एक्सपोर्ट के लिए बनाए गए M2M/IoT डिवाइस में इस्तेमाल के लिए विदेशी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के SIM/eSIM कार्ड के आयात और आयात के लिए बनाए गए M2M/IoT डिवाइस में इस्तेमाल के लिए भारतीय टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के SIM/eSIM कार्ड के निर्यात को सक्षम करने के लिए एक स्पष्ट नियामक ढांचा तैयार किया जा सके।

TRAI का मानना है कि इससे M2M/IoT सेगमेंट में काम करने वाले भारतीय निर्यातकों और आयातकों के लिए बाजार की क्षमता खुलेगी। रेगुलेटर का कहना है कि ये सिफारिशें सरकार की \“मेक इन इंडिया\“ पहल का समर्थन करेंगी, जिससे वैश्विक बाजारों के लिए स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

TRAI ने कहा कि TRAI द्वारा सुझाया गया इंटरनेशनल M2M सिम सर्विस ऑथराइजेशन के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क M2M क्षमता वाले भारतीय प्रोडक्ट्स को दुनिया भर में ज्यादा आकर्षक बनाएगा, और यह भी कहा कि इससे भारतीय कंपनियों को IoT/M2M मार्केट में स्थापित ग्लोबल कंपनियों के साथ मुकाबला करने में मदद मिलेगी।

जो भारतीय मैन्युफैक्चरर्स अपने प्रोडक्ट्स को ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट करते हैं, वे चाहते हैं कि उन्हें भारत में ही विदेशी सिम दिए जाएं ताकि वे अपने प्रोडक्ट्स में IoT/M2M सेवाओं के लिए उन्हें इंटीग्रेट कर सकें और भारत के बाहर उनका इस्तेमाल कर सकें। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
142714

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com