4,666 करोड़ रुपये के अनुबंधों पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमताएं बढ़ाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में सशस्त्र बलों के लिए 79 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद को मंजूरी दिए जाने के अगले ही दिन रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 4.25 लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन और 48 हैवी वेट टारपीडो खरीदने के लिए 4,666 करोड़ रुपये के अनुबंधों पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मंत्रालय ने बताया कि भारतीय थलसेना और भारतीय नौसेना के लिए 2,770 करोड़ रुपये मूल्य के बैटल कार्बाइन और सहायक उपकरणों के अनुबंध पर भारत फोर्ज लिमिटेड और पीएलआर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं।
एसआरएल के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए
यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत भारतीय सैनिकों को विश्व-स्तरीय मारक क्षमता से लैस करने और पुरानी प्रणालियों को अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से बदलने के निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
नौसेना के कलवरी श्रेणी के पनडुब्बियों के लिए 1,896 करोड़ रुपये की लागत से 48 भारी टारपीडो और संबंधित उपकरणों की खरीद और एकीकरण के लिए इटली की वास सबमरीन सिस्टम्स एसआरएल के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
इससे छह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की युद्धक क्षमता में वृद्धि होगी। टारपीडो की डिलीवरी अप्रैल, 2028 से शुरू होगी और 2030 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी। इन टारपीडो में महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताएं और उन्नत तकनीकी विशेषताएं हैं।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |