सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। साइबर अपराधियों ने बृज विहार निवासी सेवानिवृत अध्यापक को घर बैठे कमाई का झांसा देकर 38.29 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित को एक युवती ने रिएल्टी कंपनी का प्रतिनिधि बताकर फोन किया था। इसके बाद उन्हें रिव्यू टास्क पूरा करने पर कमाई का लालच दिया। पीड़ित से आरोपितों ने कई बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर करा ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पीड़ित देवेश कुमार द्विवेदी ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि वह 30 सितंबर को ही रिटायर हुए हैं। उनके पास 18 नंवबर को रोहिनी नामक युवती ने फोन किया और स्वयं को शोभा रिएल्टी कंपनी का प्रतिनिधि बताया। उन्हें बताया गया कि घर बैठे रिव्यू टास्क पूरा कर कमाई की जा सकती है।
शुरुआत में उनसे 10 हजार रुपये लिए गए। उन्हें कुछ निशुल्क टास्क देकर 58 हजार रुपये रिटर्न भी किए गए। साइबर ठग ने अधिक मुनाफा लेने के लिए बेंगलुरु की शोभा लिमिटेड कंपनी में निवेश करने को कहा। उन्हें बताया गया कि चैनल प्लान के तहत उन्हें 45 लाख रुपये का कमीशन दिया जाएगा।
पीड़ित के मुताबिक उनसे 32 बार में अलग-अलग बैंक खातों में 38.29 लाख रुपये निवेश कराए गए। जब उन्होंने रुपये निकालने चाहे तो उन्हें ग्रुप बाहर कर दिया गया। पीड़ित ने परेशान होकर पुलिस को शिकायत देकर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है।
बीमा पॉलिसी परिपक्वता लाभ देने के नाम पर 14.26 लाख रुपये ठगे
नूर नगर निवासी फूलचंद को बीमा पॉलिसी परिपक्वता लाभ ट्रांसफर करने के नाम पर साइबर अपराधियों ने 14.26 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि चार जून को उनके पास तान्या शर्मा नामक युवती ने फोन कर बताया कि उनकी बीमा पालिसी पूरी हो गई है।
उनकी पॉलिसी की पूरी धनराशि उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर करने के नाम पर प्रोसेसिंग चार्ज लगेंगे। उन्हें झांसे में लेकर साइबर ठग ने उनसे बीमा, प्रोसेसिंग, एकाउंट फेल आदि का झांसा देकर 47 बार में विभिन्न बैंक खातों में 14.26 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया है।
पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच कराई जा रही है। जिन बैंक खातों में ठगों ने रुपये ट्रांसफर कराए हैं उनकी भी जानकारी ली जा रही है। शीघ्र आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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- पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम |
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