कार्तिक शर्मा।
जागरण संवाददाता, आगरा। वर्ष 2025 आगरा के खेल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हुआ, जब शहर के होनहार विकेटकीपर-बल्लेबाज कार्तिक शर्मा का चयन आइपीएल में हुआ। यह उपलब्धि सिर्फ एक खिलाड़ी के चयन की कहानी नहीं, बल्कि संघर्ष, त्याग और अटूट संकल्प का जीवंत उदाहरण है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आसान नहीं रहा सफर
महज ढाई वर्ष की उम्र से क्रिकेट का बल्ला थामने वाले कार्तिक का सफर आसान नहीं रहा। पिता मनोज शर्मा, जो स्वयं तेज गेंदबाज थे, चोट के कारण अपना करियर अधूरा छोड़ने को मजबूर हुए। उसी दिन उन्होंने ठान लिया कि बेटे को बड़ा क्रिकेटर बनाकर अपना सपना पूरा करेंगे। आर्थिक तंगी ऐसी थी कि परिवार का खर्च बाबा की पेंशन से चलता था। बेटे के अभ्यास के लिए पिता ने पढ़ाना छोड़ा, मां राधा शर्मा ने गहने तक बेच दिए।
नहीं हारा हौसला
किराए के प्लाट पर प्रैक्टिस, नेट जलाए जाने की घटना, मशीन चोरी, इन सबने परिवार को तोड़ना चाहा, लेकिन हौसला नहीं डिगा। आखिरकार गोयनका चाहर क्रिकेट अकादमी में लोकेंद्र सिंह चाहर के मार्गदर्शन में कार्तिक को सही दिशा मिली। अंडर-14 चयन के बाद किट खरीदने के लिए मां के गहने बिके, पर सपने जिंदा रहे।
परिश्रम रंग लाया और आइपीएल 2026 ती नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने कार्तिक को रिकार्ड 14.20 करोड़ रुपये में खरीदा। यह सफलता आगरा के हर युवा को यह संदेश देती है कि सपने सच होते हैं, बस हौसला कभी हारना नहीं चाहिए। |