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Year Ender 2025: एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरेगा उत्तराखंड, सुहाना होगा 2026 का सफर

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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे होगा जनता को समर्पित, एशिया के सबसे लंबे ग्रीन कारीडोर करेगा सफर का रोमांच दोगुना। Jagran Graphics



सुमन सेमवाल, देहरादून। सफर लंबा हो या छोटा, उसे तय करने के लिए सड़क की जरूरत होती है। तभी तो सड़कों को लाइफ लाइन कहा जाता है। यह लाइफ लाइन जितनी सुगम होगी, सफर उतना ही सुहाना होगा। सुहाने सफर के वादे के लिए वर्ष 2025 मील का पत्थर साबित हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बीते वर्ष मेगा सड़क परियोजनाओं ने आकार लिया और कई को धरातल पर उतारने के लिए मजबूत कदम बढ़ाए गए। जिस दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, वह बनकर तैयार है। साथ ही घने जंगल के बीच से गुजरने वाले 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड पर फर्राटा भरने की हसरत भी पूरी होने वाली है। यह सोचकर ही नागरिकों में रोमांच की लहर पड़ती है कि दिल्ली से देहरादून का सफर महज ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा। नए साल 2025 में यह बहुप्रतीक्षित सौगात जनता को मिल जाएगी।

मेट्रो शहरों के साथ कदमताल करने वाले देहरादून में जिस तरह से वाहनों का दबाव बढ़ा है, उससे प्रमुख सड़कों पर जाम की स्थिति अक्सर बेकाबू हो जाती है। दून को जाम से निजात दिलाने के लिए जिस तरह की मेगा परियोजनाओं की जरूरत है, उन्हें धरातल पर उतारने के लिए बीते वर्ष 2025 में तानाबाना भी बुना गया।

शहर के सबसे बड़े बाटलनेक आढ़त बाजार की शिफ्टिंग की कसरत भी नए साल पर पूरी हो सकेगी। क्योंकि, आढ़त बाजार क्षेत्र में व्यापारियों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। साथ ही चुनौतियों और तमाम अवरोधों के चलते अधर में लटकी रही ग्रीन बिल्डिंग और भंडारी बाग रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण भी वर्ष 2025 में पूरा हो जाएगा। दोनों परियोजना सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं।
23 किमी कम हुई दिल्ली की दूरी

दिल्ली-देरादून एक्सप्रेसवे परियोजना का अंतिम गणेशपुर से डाटकाली तक बनी 12 किमी लंबी एलिवेटेड रोड है। इससे लगी डाटकाली टनल और आरटीओ चेकपोस्ट तक बना फ्लाईओवर भी सफर को बेहतर बनाएगा। यह तीनों कार्य पूरे किए जा चुके हैं। वर्तमान में दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी 236 किलोमीटर है, जो परियोजना के सभी पैकेज पूर्ण होने के बाद घटकर 213 किलोमीटर रह जाएगी। यानी, दूरी 23 किलोमीटर कम हो जाएगी और यह सफर ढाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
एलिवेटेड रोड पर कैमरे मापेंगे स्पीड, आनलाइन कटेगा चालान

एलिवेटेड रोड पर रफ्तार के शौकीनों को नियंत्रण में रखने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) की व्यवस्था की जाएगी। इसके माध्यम से कैमरे स्पीड पर निगाह रखेंगे और तय मानक से अधिक रफ्तार पाए जाने पर आनलाइन चालान कटेगा।
दुर्घटना की सूचना स्वत: कंट्रोल रूम को मिलेगी

एलिवेटेड रोड पर वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम (वीआइडीएस) लगाए जाएंगे। जो सड़क दुर्घटना की दशा में स्वत: ही कंट्रोल रूम को सूचना भेज देंगे। ताकि समय राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकें। दिसंबर माह तक यह कार्य भी पूरा कर दिया जाएगा।
एलिवेटेड रोड परियोजना पर एक नजर

  • कुल लंबाई - 12 किमी
  • कुल बजट - 1500 करोड़ रुपये
  • कुल पिलर - 575
  • 11 हजार 970 करोड़ की है पूरी परियोजना


एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली-दून एक्सप्रसेवे का निर्माण 213 किलोमीटर पर कुल 11 पैकेज में गतिमान है। यह कार्य प्राधिकरण के अलग-अलग परियोजना कार्यालय देख रहे हैं।


इन पैकेज में किया गया एक्सप्रेसवे का निर्माण

  • -अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा
  • -अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा
  • -ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
  • -ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
  • -ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
  • -ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
  • -सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल
  • -सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल
  • -गणेशपुर-देहरादून (एक भाग)
  • -गणेशपुर-देहरादून (दूसरा भाग)
  • -गणेशपुर-देहरादून (तीसरा भाग)


  
एक्सप्रेसवे परियोजना के यह भी खास बिंदु

  

  • 05 रेलवे ओवर ब्रिज
  • 110 वाहन अंडरपास
  • 76 किमी सर्विस रोड
  • 29 किमी की एलिवेटेड रोड
  • 16 एग्जिट और एंट्री प्वाइंट


  
पांवटा साहिब-बल्लूपुर राजमार्ग चौड़ीकरण का काम अंतिम चरण में


पांवटा साहिब और देहरादून के बीच आवागमन को सुगम बनाने के लिए इस बीच गतिमान 45 किमी राजमार्ग के चौड़ीकरण का काम भी अंतिम चरण में है। इसके तहत एक 22 किमी लंबा न्य ग्रीन फील्ड हाइवे भी बनाया जा रहा है। परियोजना का काम लगभग पूरा होने वाला है। यह परियोजना भी नए साल पर जनता को समर्पित कर दी जाएगी।
रिंग रोड की हसरत पर शुरू होगी कसरत


राजधानी दून की जाम से मुक्त करने और बाहरी वाहनों के शहर में प्रवेश पर रोक लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) 51 किलोमीटर लंबी रिंग रोड पर काम कर रहा है। वर्ष 2025 में इसकी डीपीआर तैयार कर ली गई और संशोधित एलाइनमेंट को भी मंजूरी मिल गई है। अब नए साल पर परियोजना को धरातल पर उतारने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 3500 करोड़ रुपए की इस परियोजना को चार चरण में पूरा किया जाना है। उम्मीद है कि पहले चरण पर वर्ष 2026 के आरंभ के महीनों में काम शुरू कर दिया जाएगा। जिसका निर्माण एलिवेटेड रोड के रूप में मोहकमपुर से आशारोड़ी तक किया जाएगा।
रिंग रोड परियोजना का यह होगा स्वरूप

  • प्रारंभिक बिंदु- मसूरी रोड पर मैक्स अस्पताल
  • अंतिम बिंदु- आशारोड़ी
  • लंबाई- 51.59 किमी (2.8 किमी लंबाई की ट्विन ट्यूब टनल भी शामिल)
  • चौड़ाई- फोरलेन
  • अधिकतम गति सीमा- 60/80 किमी प्रति घंटा


यह होंगे जंक्शन: मैक्स अस्पताल, मालदेवता रोड, रिस्पना पुल, आइएसबीटी, आशारोड़ी।
हांफते शहर को राहत देगी रिंग रोड

देहरादून शहर में आबादी के साथ यातायात का दबाव सड़कों की क्षमता से कहीं अधिक हो गया है। घनी आबादी के चलते मौजूदा सड़कों और उनके जंक्शन को चौड़ा करने के अवसर बेहद सीमित हैं। ऐसे में पहाड़ों की रानी मसूरी की तरफ वीकेंड या अन्य खास अवसर पर जब वाहनों का दबाव बढ़ता है तो उसका असर सीधे शहर पर पड़ता है। इसी तरह दिल्ली, सहारनपुर या हरिद्वार के बीच दून की तरफ से आवागमन करने वाले वाहनों का दबाव भी प्रत्यक्ष रूप से दून की यातायात व्यवस्था को प्रभावित करता है।

मौजूदा समय में दून के प्रमुख जंक्शन में यातायात का दबाव उनकी डिजाइन क्षमता से छह गुना पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) तक पहुंच चुका है। रिंग रोड बनने के बाद मसूरी की तरफ जाने वाले वाहन शहर में प्रवेश किए बिना रिंग रोड सफर कर सकेंगे। साथ ही हरिद्वार और सहारनपुर के बीच आवागमन करने वाले वाहन रिंग रोड के अंतर्गत बनने वाली एलिवेटेड रोड से पास होंगे।
रिंग रोड के अलग अलग चरण

  • मोहकमपुर से आशारोड़ी (एलिवेटेड रोड)
  • लंबाई, करीब 15 किमी
  • बजट, 1350 से 1450 करोड़ रुपए के बीच
  • आशारोड़ी से झाझरा के बीच (पूर्व में स्वीकृत)
  • लंबाई, 12.17 किलोमीटर
  • बजट, करीब 715.97 करोड़ रुपए
  • झाझरा के पास सुद्धोवाला से मसूरी (सीधे रिंग रोड परियोजना का भाग नहीं)
  • लंबाई, 40 किलोमीटर
  • बजट, जमीन अधिग्रहण समेत 3700 करोड़ रुपए अनुमानित


मैक्स अस्पताल से रिस्पना पुल


लंबाई और बजट अभी स्पष्ट नहीं है। इसमें आवश्यक संशोधन संभव है। क्योंकि, यह भाग राज्य सरकार की प्रस्तावित रिस्पना नदी पर बनने वाली एलिवेटेड रोड के साथ मर्ज या उसके हिसाब से संशोधित हो सकता है। साथ ही इस भाग पर पूर्व निर्मित सड़क भी है।
बिंदाल और रिस्पना पर एलिवेटेड रोड पर बढ़ेंगे कदम

बीते वर्ष देहरादून के सबसे बड़े प्रोजेक्ट (बिंदाल-रिस्पना नदी किनारों पर 26 किमी लंबी एलिवेटेड) को धरातल पर उतारने के लिए लंबी चौड़ी कसरत की गई। करीब 6252 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट की डीपीआर का परीक्षण आइआइटी रुड़की से करवाया गया और विभिन्न अन्य पहलुओं की पड़ताल भी की गई। उम्मीद की जा रही है कि नए वर्ष 2026 में परियोजना पर काम शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। परियोजना के निर्माण के बाद शहर की प्रमुख सड़कों पर वाहनों के दबाव को कम किया जा सकेगा।
परियोजना के खास बिंदु

  • बिंदाल नदी
  • शुरुआती स्थल, कारगी चौक के पास (हरिद्वार बाईपास रोड)
  • अंतिम स्थल, राजपुर रोड (साईं मंदिर के पास)
  • लंबाई, 14.8 किमी
  • चौड़ाई, 20.2 मीटर और रैंप 6.5 मीटर
  • मध्यवर्ती जंक्शन, लालपुल चौक, बिंदाल तिराहा (चकराता रोड), हाथीबड़कला क्षेत्र और मसूरी डाइवर्जन
  • डिजाइन स्पीड, 60 किमी प्रति घंटे
  • कुल लागत, 3743 करोड़ रुपए
  • रिस्पना नदी
  • शुरुआती स्थल, रिस्पना पुल (विधानसभा के पास)
  • अंतिम स्थल, नागल पुल (नागल)
  • लंबाई, 10.946 किलोमीटर
  • चौड़ाई, 20.2 मीटर और रैंप 6.5 मीटर
  • मध्यवर्ती जंक्शन, सहस्रधारा चौक और आइटी पार्क
  • डिजाइन स्पीड, 60 किलोमीटर प्रति घंटे
  • बजट, 2509 करोड़ रुपए

मसूरी के लिए बनेगी नई रोड, एक्सप्रेसवे के अतिरिक्त दबाव से मिलेगी राहत

यातायात दबाव की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे दून की सड़कों पर दूसरे राज्यों से आने वाला दबाव हालात को और विकट बना देता है। सबसे अधिक चुनौती पर्यटन सीजन और लांग वीकेंड (लंबा सप्ताहांत) पर तब बढ़ जाती है, जब पर्यटक मसूरी की तरफ उमड़ पड़ते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि मसूरी के लिए एकमात्र मुख्य मार्ग देहरादून शहर से होकर ही गुजरता है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की 12 किमी एलिवेटेड रोड पर यातायात का संचालन शुरू कर दिए जाने के बाद वाहनों के अतिरिक्त दबाव से हालात और विकट हो सकते हैं। हालांकि, इससे निपटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने मसूरी के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। जिसकी अनुमानित लागत 3700 करोड़ रुपए है। उम्मीद की जा रही है कि नए साल पर परियोजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
परियोजना पर एक नजर

  • कुल लंबाई, 40 किमी
  • बजट, अनुमानित 3700 करोड़ रुपए
  • शुरुआती स्थल, सेलाकुई जंक्शन
  • अंतिम स्थल, लाइब्रेरी चौक से 03 किमी आगे
  • पहली टनल, 1.19 किमी
  • दूसरी टनल, 2.6 किमी
  • बड़े पुल, 07 और 1.5 किमी लंबे अलग अलग श्रेणी के पुल/एलिवेटेड रोड
  • छोटे पुल, अलग अलग लंबाई में कुल 01 किमी

दून और हरिद्वार की तरफ से ऋषिकेश का सफर बनेगा सुगम

चारधाम यात्रा के प्रवेश स्थल ऋषिकेश में यातायात को सुगम बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला अलग अलग परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। राजमार्ग खंड कार्यालय नेपाली फार्म से ढालवाला तक एलिवेटेड रोड का निर्माण करेगा। वहीं, एनएचएआइ भनियावाला से ऋषिकेश में नटराज चौक तक सड़क को फोरलेन बनाएगा। दोनों परियोजनाओं पर वर्ष 2026 में काम शुरू कर दिया जाएगा।
परियोजना पर एक नजर

  • नेपालीमार्फ (हरिद्वार-ऋषिकेश रोड) से ढालवाला तक
  • लंबाई, 10.88 किलोमीटर
  • चौड़ाई, फोरलेन
  • बजट, 1485 करोड़ रुपए

वर्ष 2025 में तैयार होगा वर्ष 2041 तक के विकास का खाका

उत्तराखंड में देहरादून शहर सर्वाधिक तेज गति से आकार ले रहा है। शहरीकरण की यह दौड़ अनियोजित निर्माण की तरफ भी बढ़ रही है। ऐसे में विकास को सुनियोजित बनाने के लिए मास्टर प्लान पर बड़ा दारोमदार रहता है। दून में एमडीडीए का वर्ष 2041 तक का जीआइएस आधारित मास्टर प्लान बनाकर तैयार है और अभी परीक्षण के फेर में लटका है। उम्मीद की जा रही है कि नए साल पर न सिर्फ जांच और उसके मुताबिक कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी और इसे लागू करा दिया जाएगा। ताकि मास्टर प्लान में जो लैंडयूज तय किए गए हैं, उन्हीं के मुताबिक निर्माण किए जा सकें। सुव्यवस्थित शहर के लिए सशक्त मास्टर प्लान बेहद जरूरी होता है।
मास्टर प्लान में इस तरह आरक्षित किया गया भू-उपयोग (विकास योग्य)

  • श्रेणी, प्रतिशत
  • आवासीय, 58.43
  • मिश्रित, 9.33
  • व्यावसायिक, 4.28
  • औद्योगिक, 1.07
  • सार्वजनकि/अर्द्ध सार्वजनिक, 9.42
  • मनोरंजन, 5.98
  • परिवहन, 11.15
  • पर्यटन, 0.34

आढ़त बाजार का अड़ंगा होगा दूर, खुलेगा बाटलनेक

दून के सबसे बड़े बाटलनेक की बाधा आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के लिए वर्ष 2025 में अहम कदम बढ़ाए गए। नए स्थल पर आढ़त बाजार के निर्माण के लिए जमीन के चयन से लेकर निर्माण करने, मुआवजे की व्यवस्था आदि की दिशा में भी सफलता हासिल की गई। अब वर्ष 2026 में नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास को अंतिम रूप देने के साथ ही आढ़तियों के प्रतिष्ठानों की शिफ्टिंग करा दी जाएगी। साथ ही सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक की सड़क को फोरलेन में तब्दील कर दिया जाएगा। इससे यह पूरा क्षेत्र यातायात के लिहाज से सुगम हो जाएगा।
परियोजना के अहम बिंदु

  • कुल बजट 126 करोड़ रुपए है।
  • परियोजना का कुल क्षेत्रफल 10 हेक्टेयर।
  • आढ़त बाजार में 55 भवन प्रभावित हो रहे हैं।
  • 301 भवन आढ़त बाजार से इतर चौड़ीकरण परियोजना में आंशिक रूप से प्रभावित होंगे।
  • 570 वाहनों की चार मंजिला पार्किंग बनेगी।
  • सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक 1.55 किलोमीटर सड़क को 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा।

अधर में लटकी रही ग्रीन बिल्डिंग, 2025 में निर्माण होगा पूरा

लंबे समय से चुनौतियों और तकनीकी पेच से जूझ रही प्रदेश सरकार की पहली ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण वर्ष 2025 में जैसे तैसे शुरू कराया जा सका। अब उम्मीद है कि नए साल पर इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। जिसके बाद जिलेभर के तमाम सरकारी कार्यालयों को इस बिल्डिंग में एक छत के नीचे शिफ्ट किया जाएगा। ताकि आमजन को अपने कार्यों के लिए अलग अलग न भटकना पड़े।
ग्रीन बिल्डिंग परियोजना पर एक नजर

  • लागत, 206 करोड़ रुपये
  • कुल तल, सात से आठ
  • निर्माण क्षेत्रफल, 06 हजार वर्गमीटर
  • भूखंड क्षेत्रफल, 19 हजार वर्गमीटर
  • कार्यदाई संस्था, केंद्रीय लोनिवि
  • निर्माण कंपनी, कश्यपी इंफ्रास्ट्रक्चर

ग्रीन बिल्डिंग की विशेषता

  • 1000 से 1200 के बीच वाहनों की पार्किंग मिलेगी
  • 100 किलो लीटर डेली (केएलडी) क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा
  • 500 व्यक्तियों की क्षमता का सेमिनार हाल बनेगा
  • बिल्डिंग ऊर्जा दक्ष होगी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग के पुख्ता इंतजाम होंगे।

भंडारी बाग आरओबी की राह खुलेगी

जिस भंडारी बाग रेलवे ओवर ब्रिज परियोजना का ख्वाब मार्च 2013 में देखा गया था, उस पर हमारी मशीनरी अब तक घिसट रही है। बमुश्किल परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2021 में किया जा सका और काम शुरू करने में ही 08 माह का समय लग गया।

काम आगे बढ़ा तो फिर नई औपचारिकताओं में फंस गया। जिसके चलते इसकी दो डेडलाइन मार्च 202, मार्च 2024 और फिर 2025 के मध्य में पूरी हो गई थी। हालांकि, वर्ष 2026 में परियोजना का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। जो वाहन सहारनपुर रोड से प्रिंस चौक व हरिद्वार रोड के बीच आवागमन करेंगे, उनके लिए यह वैकल्पिक माध्यम हो जाएगा। इस तरह वाहन चालकों को आढ़त बाजार के जाम से निजात मिलेगी और सहारनपुर रोड के साथ गांधी रोड पर भी वाहनों का दबाव कुछ कम हो पाएगा। दूसरी तरफ कारगी चौक व देहराखास क्षेत्र की तरफ से प्रिंस चौक व उससे सटे क्षेत्रों को जाने वाले वाहनों को भी आसान व वैकल्पिक माध्यम मिल सकेगा।
परियोजना पर एक नजर

  • लंबाई, करीब 550 मीटर
  • लागत, 47.15 करोड़ रुपये (यूटिलिटी शफ्टिंग सहित)
  • मूल लागत, 38.62 करोड़ रुपये
  • यूटिलिटी शिफ्टिंग, 4.53 करोड़ रुपये
  • कार्य की प्रगति, करीब 80 प्रतिशत


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