सड़क किनारे खड़े ट्राले से टकराई पिकअप, युवक की मौत (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बठिंडा। थाना सिविल लाइन की पुलिस ने सड़क हादसे में एक युवक की मौत के मामले में अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह हादसा सड़क के बीच खड़े एक ट्राले के कारण हुआ, जिसने एक बार फिर धुंध के मौसम में सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस को दी गई शिकायत में जिला मानसा के गांव मूसा वासी सुखदर्शन सिंह ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार धर्मप्रीत सिंह के साथ बोलेरो पिकअप गाड़ी में सवार होकर आ रहा था। जब वे भाई मतिदास नगर के पास पहुंचे तो सड़क के बीचों-बीच एक ट्राला खड़ा हुआ था।
धुंध अधिक होने के कारण ट्राला दिखाई नहीं दिया और उनकी गाड़ी उससे टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि धर्मप्रीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सुखदर्शन सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही थाना सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा। पुलिस ने सुखदर्शन सिंह के बयान के आधार पर अज्ञात ट्राला चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच सहायक थानेदार कौर सिंह द्वारा की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपित चालक की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब पूरे इलाके में घना कोहरा छाया हुआ है। धुंध के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है और सड़क किनारे या सड़क के बीच खड़े भारी वाहन जानलेवा साबित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण लगातार सड़क किनारे खड़े वाहनों के कारण होने वाले हादसों का मुद्दा उठाता रहा है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा न तो सख्ती दिखाई गई और न ही प्रभावी कार्रवाई की गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि धुंध के मौसम में यदि भारी वाहन बिना किसी चेतावनी संकेत, रिफ्लेक्टर या पार्किंग लाइट के खड़े किए जाएं तो वे चलती गाड़ियों के लिए मौत का कारण बन सकते हैं। इस मामले में भी ट्राला सड़क के बीच खड़ा था, जो साफ तौर पर नियमों का उल्लंघन है।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि धुंध के मौसम में सड़क किनारे या बीचों-बीच खड़े वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए और ट्रक-ट्राला चालकों को रिफ्लेक्टर, इंडिकेटर और पार्किंग लाइट का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए जाएं। यदि समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे हादसे आगे भी लोगों की जान लेते रहेंगे। जबकि इससे पहले भी सड़क किनारे खड़े वाहनों के करण कई हादसे हो चुके हैं। |