सिकटा सीट: बिहार चुनाव 2025 में एनडीए में टिकट को लेकर रस्साकशी

LHC0088 2025-10-10 23:14:00 views 733
  



मनोज मिश्र, बेतिया। पश्चिमी चंपारण की नौ विधानसभा सीटों में आठ पर एनडीए का कब्जा है, लेकिन सिकटा विधानसभा सीट हमेशा से अलग राजनीतिक राह पर रही है। वर्तमान विधायक वीरेंद्र गुप्ता माले के हैं। सिकटा में पिछले चुनावों का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। जदयू और भाजपा दोनों ही इस सीट पर पहले जीत चुके हैं। इस बार दोनों दलों के दावेदार पटना में लगातार बैठकें और टिकट को लेकर पैरवी कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वर्ष 1995 में दिलीप वर्मा ने खुद की चंपारण विकास पार्टी से इस सीट से विजय हासिल की। वर्ष 2000 में वे बीजेपी का दामन थाम लिए और दोबारा विधायक चुने गए। 2005 में खुर्शीद आलम कांग्रेस पार्टी के टिकट पर यहां से विधायक बने, लेकिन 2010 में दिलीप वर्मा ने निर्दलीय चुनाव जीतकर अपना दबदबा दिखाया।

वर्ष 2015 में जदयू के खुर्शीद आलम ने चुनाव जीतकर मंत्री पद संभाला था। पूर्व में यहां से भाजपा और जदयू के प्रत्याशी जीत चुके हैं, इस कारण इस बार भी एनडीए के दोनों घटक दलों के बीच टिकट को लेकर गहरी सियासी जंग चल रही है। दोनों दलों के करीब एक दर्जन नेता टिकट के लिए पटना का चक्कर लगा रहे हैं। कुछ नेता तो स्थायी रूप से पटना में डेरा डाल दिया हैं।

भाजपा और जदयू दोनों के नेताओं की सक्रियता ने यह साफ कर दिया है कि सीट पर उम्मीदवार का चुनाव आसान नहीं होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिकटा सीट पर सही उम्मीदवार का चयन सिर्फ पार्टी के लिए ही नहीं, वरन जिले की राजनीति पर असर डालेगा।
आने वाले हफ्ते में फैसला होने की उम्मीद

चुनावी पंडितों का मानना है कि सीट पर उम्मीदवार का फैसला आने वाले हफ्तों में होगा और दोनों दलों के नेताओं की दावेदारी इसे और रोचक बना रही है। एनडीए के लिए संतुलित रणनीति अपनाना जरूरी है, ताकि सीट का लाभ विपक्ष के हाथ न जाए। हालांकि, इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए महागठबंधन भी पूरी तरह सतर्क है। अभी तक किसी पार्टी ने आधिकारिक रूप से उम्मीदवार का एलान नहीं किया है। इससे राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है।

स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की सक्रियता को देखते हुए यह माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में सीट पर अंतिम उम्मीदवार का निर्णय होगा। सिकटा विधानसभा सीट पर भाजपा और जदयू दोनों की बराबर दावेदारी ने इसे इस चुनाव का सबसे रोमांचक केंद्र बना दिया है। आने वाला समय तय करेगा कि एनडीए की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है और कौन बनेगा इस सीट का अगला प्रतिनिधि।
सिकटा विधानसभा सीट से अब तक जीते प्रत्याशी

    वर्ष प्रत्याशी दल
   
   
   1952
   फैयाजुल रहमान
   कांग्रेस
   
   
   1957
   रैफुल आजम
   कांग्रेस
   
   
   1962
   रैफुल आजम
   स्वतंत्र
   
   
   1967
   उमाशंकर शुक्ल
   सीपीआईएम
   
   
   1969
   रैफुल आजम
   कांग्रेस
   
   
   1972
   फैयाजुल आजम
   कांग्रेस
   
   
   1977
   फैयाजुल आजम
   कांग्रेस
   
   
   1980
   धर्मेश प्रसाद वर्मा
   जनता पार्टी
   
   
   1985
   धर्मेश प्रसाद वर्मा
   जनता पार्टी
   
   
   1990
   फैयाजुल आजम
   स्वतंत्र
   
   
   1995
   दिलीप वर्मा
   चंपारण विकास पार्टी
   
   
   2000
   दिलीप वर्मा
   भाजपा
   
   
   2005
   खुर्शेद आलम
   कांग्रेस
   
   
   2010
   दिलीप वर्मा
   स्वतंत्र
   
   
   2015
   खुर्शेद आलम
   जदयू
   
   
   2020
   वीरेंद्र गुप्ता
   भाकपा माले
   

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