पंचकूला में डाॅ. राजेश गेरा को अदालत से मिली राहत, किशोरी की मौत मामले में इलाज में लापरवाही के आरोप से मुक्त

cy520520 2025-10-13 02:06:40 views 1256
  

अदालत ने कहा कि शिकायत में डॉक्टर पर लगाए गए सिर्फ कोरे आरोपों के अलावा ऐसा कोई साक्ष्य रिकाॅर्ड पर नहीं है।



डाॅक्टर पर लापरवाही का आरोप खारिज, कोर्ट ने कहा– आपराधिक लापरवाही का सबूत नहीं

जागरण संवाददाता, पंचकूला। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार की अदालत ने सालों पुरानी एक शिकायत को खारिज करते हुए डाॅक्टर राजेश गेरा को चिकित्सीय लापरवाही के आरोपों से मुक्त कर दिया है। यह मामला 2017 में एक किशोरी की मौत से संबंधित था, जिसके आधार पर पिता महिपाल ने 2018 में डाॅक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मृत्यु) के तहत शिकायत दायर की थी।

सेक्टर 17 इंद्रा कॉलोनी में रहने वाले आटो-रिक्शा चालक महिपाल ने ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी निशा की इलाज में लापरवाही के कारण हालत बिगड़ी। उसे सेक्टर-6 स्थित नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  उस समय डाॅ. गेरा उसका इलाज कर रहे थे। शिकायतकर्ता के अनुसार न तो जरूरी जांचें समय पर कराई गईं और न ही लक्षणों को गंभीरता से लिया गया। जब रात के समय निशा की स्थिति खराब हुई तो न डॉक्टर और न ही नर्सिंग स्टाफ ने तत्परता से चिकित्सा सहायता दी। बाद में उसे चंडीगढ़ के सेक्टर 32 स्थित सरकारी अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसे कार्डियो-रेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण मृत घोषित कर दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मामले की सुनवाई में महिपाल ने मेडिकल रिकाॅर्ड, शिकायतें और गवाहों के बयान अदालत के समक्ष पेश किए, लेकिन अदालत ने पाया कि डाॅक्टर के खिलाफ आपराधिक लापरवाही सिद्ध करने के लिए कोई प्रत्यक्ष सुबूत मौजूद नहीं है। अदालत ने कहा कि केवल आरोप लगाने से आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता जब तक आरोप का समर्थन ठोस और स्वतंत्र चिकित्सकीय राय से न हो।

महत्वपूर्ण रूप से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकला कि नर्सिंग स्टाफ की ओर से निगरानी में चूक हुई थी और समय पर डाॅक्टर को सूचित नहीं किया गया। आयोग ने इस आधार पर शिकायतकर्ता को एक लाख रुपये मुआवजे की सिफारिश की थी, लेकिन रिपोर्ट में डाॅक्टर गेरा की ओर से किसी तरह की लापरवाही नहीं पाई गई।


फैसले में सुप्रीम कोर्ट के कई अहम निर्णयों का हवाला दिया गया, जिनमें प्रमुख रूप से जेकब मैथ्यू बनाम पंजाब राज्य का मामला शामिल रहा। अदालत ने दोहराया कि चिकित्सकीय पेशेवरों पर आपराधिक आरोप तभी लगाए जा सकते हैं जब उनके खिलाफ स्पष्ट, विशेषज्ञ और स्वतंत्र प्रमाण हों, मात्र अनुमान या दुर्भाग्यपूर्ण परिणामों के आधार पर नहीं।

अदालत ने कहा कि शिकायत में लगाए गए सिर्फ कोरे आरोपों के अलावा ऐसा कोई साक्ष्य रिकाॅर्ड पर नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि डाॅक्टर राजेश गेरा ने घोर या दंडनीय लापरवाही की। अदालत ने टिप्पणी की कि जीवन की क्षति दुखद है, परंतु कानूनी दृष्टि से आपराधिक लापरवाही की सीमा इस मामले में पूरी नहीं होती।

इन निष्कर्षों के आधार पर धारा 304ए के तहत शिकायत को खारिज करते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपी को समन जारी करने या मुकदमे का सामना कराने लायक प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता। अदालत ने मामले की फाइल को अभिलेखागार में भेजने का आदेश दिया और शिकायत को समाप्त कर दिया।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
133168

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.