कफ सीरप से बच्चों की मौत के बाद सरकार सतर्क, हर बैच की गुणवत्ता रिपोर्ट के बाद ही मरीजों को दी जाएंगी दवाएं

cy520520 2025-10-14 03:36:58 views 747
  

कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद सरकार सतर्क। जागरण फोटो  



राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में विषाक्त कफ सीरप से छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्ना जिलों में 23 बच्चों की मौत से राज्य सरकार ने सबक लिया है। अब सरकारी अस्पतालों में प्रत्येक दवा उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित होने के बाद ही उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए हर बैच की दवा की पहले जांच कराई जाएगी। जब वह जांच में गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरेगी, तभी उसे अस्पतालों में मरीजों को देने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अभी की व्यवस्था में दवा स्टोर से औचक तौर पर कुछ दवाओं के सैंपल केंद्र व प्रदेश सरकार की लैबों में भेजे जाते हैं। रिपोर्ट आने तक संबंधित बैच की आधे से अधिक दवाएं बंट चुकी होती हैं। अमानक रिपोर्ट होने पर दवाओं को वापस लिया जाता है। सभी बैच की जांच नहीं कराने के पीछे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क यह रहता था कि एक कंपनी की खुद की और दूसरी थर्ड पार्टी लैब की जांच रिपोर्ट कंपनी खुद भेजती है, इस कारण दवाएं बांट दी जाती थीं।
कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद सरकार सतर्क

प्रदेश में पिछले तीन वर्ष में 44 दवाएं अमानक मिल चुकी हैं। किसी दवा में औषधि की मात्रा कम मिली तो किसी को निर्धारित मापदंड के अनुसार लेवल नहीं लगाने के कारण अमानक किया गया। इस आधार पर कारपोरेशन ने निर्धारित समय के लिए दवा की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। कोट... पहले वेयरहाउसों में दवाएं रखी जाएंगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सरकारी अस्पतालों में रोगियों के लिए उपयोग होंगी। हालांकि, अभी भी एक कंपनी की खुद की लैब और दूसरी कंपनी द्वारा थर्ड पार्टी लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही दवाएं बांटी जाती हैं।  

150 सेअधिककंपनियोंसे 500 करोड़रुपयेसेअधिककीदवाओं व उपकरणों की होती है खरीदी मध्य प्रदेश में मेडिकल कालेजों से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र तक के लिए प्रतिवर्ष लगभग 500 करोड़ रुपये की दवाएं व उपकरणों की खरीदी की जाती है। स्वास्थ्य संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से खरीदी की जाती हैं। दवा, उपकरण व अस्पतालों में उपयोग होने वाले अन्य वस्तुओं की खरीदी के लिए दरें निर्धारित करने का काम मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कारपोरेशन का है। कारपोरेशन ने दवा खरीदी के लिए 165 कंपनियों से अनुबंध किया है। अन्य सामग्री के लिए अनुबंधित कंपनियों को मिला लें तो यह संख्या 200 से ऊपर पहुंच जाती है।
जांच के बाद ही अस्पतालों में दवा वितरण

मध्य प्रदेश के 60 हजार से अधिक दवा दुकानों से रोगियों की बेची जा रही हजारों तरह की दवाओं की गुणवत्ता की जिम्मेदारी सिर्फ बनाने वाली कंपनी पर छोड़ दी गई है। मप्र के सेवानिवृत वरिष्ठ औषधि निरीक्षक डीएमचिंचोलकर का कहना है कि दवाओं की खरीद-बिक्री में भारत सरकार के औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 में ही यह कमी है कि सीएंडएफ या होलसेलर को कंपनी से दवा या उपकरण के साथ गुणवत्ता जांच रिपोर्ट लेने की बाध्यता ही नहीं है। कंपनी से दवा खरीदने वाले को सिर्फ यह देखना है कि दवा लाइसेंस प्राप्त कंपनी में बनाई गई है या नहीं। औषधि निरीक्षक भी किसी होलसेलर के यहां बिल की जांच कर यही जांचते हैं।

इसमें बदलाव मात्र भारत सरकार संसद में कानून बनाकर कर सकती है। वह बताते हैं कि कंपनी के मैन्यूफ्रेक्चरिंगकेमिस्ट और एनालिटिकलकेमिस्ट की संयुक्त हस्ताक्षर से किसी कंपनी से कोई बैच बाहर निकलता है। इसका मतलब यह कि उन दोनों ने दवा को बाजार में उतारने के पहले गुणवत्ता जांच कर ली है। हां, प्रदेश सरकारें दवा आते ही सैंपलिंग कर जांच से अमानक दवाएं बाजार में पहुंचने से रोक सकती हैं। सीएंडएफ और होलसेलर के यहां से भी दवाओं के सैंपल अधिक से अधिक होने चाहिए
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
133001

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.