deltin33 • 2025-10-24 03:37:37 • views 1259
ट्रंप ने झाओ को राष्ट्रपति माफी दी है।
नई दिल्ली| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बायनेन्स (Binance) के संस्थापक चांगपेंग झाओ (Changpeng Zhao) को राष्ट्रपति माफी (Presidential Pardon) दे दी है। झाओ को पहले मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में नाकामी के आरोप में जेल हुई थी। अब इस माफी ने अमेरिका में राजनीति और कारोबार के बीच बढ़ती नजदीकियों को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
झाओ ने साल 2023 में माना था कि बिनांस प्लेटफॉर्म पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा नहीं थी। इसी कमजोरी के चलते प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ड्रग तस्करी, टेरर फंडिंग और चाइल्ड एक्सप्लॉइटेशन जैसी अवैध गतिविधियों के लिए हुआ। झाओ को 2024 में चार महीने की सजा हुई थी।
ट्रंप ने क्रिप्टो से कमाए 500 करोड़ रुपए- रिपोर्ट
अब ट्रंप द्वारा दी गई माफी पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि झाओ का नाम वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (World Liberty Financial) नामक एक क्रिप्टो प्रोजेक्ट से जुड़ा है। जिसे ट्रंप और उनके बेटों ने पिछले साल सितंबर में शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट ने USD1 नाम का स्टेबलकॉइन लॉन्च किया है, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़ा है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने इस क्रिप्टो प्रोजेक्ट से पिछले साल 57 मिलियन डॉलर (करीब 500 करोड़ रुपए) कमाए। ऐसे में झाओ को दी गई माफी को कई विशेषज्ञ हितों के टकराव (Conflict of Interest) से जोड़कर देख रहे हैं।
\“बाइडेन प्रशासन की कार्रवाई राजनीतिक थी\“
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बायनेन्स ने USD1 स्टेबलकॉइन के लिए कोड और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया था, जिससे इस साल 2 अरब डॉलर की डील संभव हो सकी। इसमें यूएई की एक इन्वेस्टमेंट कंपनी ने बिनांस में हिस्सेदारी खरीदी थी। हालांकि यह साफ नहीं है कि झाओ या बिनांस को इस काम के लिए कोई भुगतान मिला या नहीं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि, “झाओ के खिलाफ बाइडेन प्रशासन की कार्रवाई राजनीतिक थी। उन पर किसी धोखाधड़ी या पीड़ित के नुकसान का आरोप नहीं था।“
झाओ ने कोर्ट में गलती स्वीकारी, जताया अफसोस
झाओ ने कोर्ट में कहा कि, “मैंने गलती की, और इसके लिए मुझे गहरा अफसोस है।“ ट्रंप की यह माफी अब उनके बढ़ते क्रिप्टो प्रभाव की ओर भी इशारा करती है। ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि वे अमेरिका को क्रिप्टो कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड बनाना चाहते हैं। |
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