चाय के साथ चुनाव पर चर्चा
संवादसूत्र, करगहर(रोहतास)। Sasaram Elections Political Equations and Caste Dynamics करगहर विधानसभा क्षेत्र में 11 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले प्रचार-प्रसार अपने चरम पर है। कोचस चौक, दिनारा रोड स्थित तुलसी चाय दुकान पर लोग चाय की चुस्की के साथ उम्मीदवारों की हार-जीत और जातीय समीकरण पर चर्चा करते नहीं थक रहे। एनडीए, महागठबंधन, बहुजन समाज पार्टी और जनसुराज पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर करगहर में जोरदार चर्चाएँ चल रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संवाद सूत्रों के अनुसार, चुनावी बहस में जातीय समीकरण प्रमुख रूप से उभर कर सामने आ रहे हैं। कोई एनडीए प्रत्याशी को कुर्मी, कोईरी, राजपूत या पासवान वोटों के आधार पर जीतते दिखा रहा है, तो किसी ने माई और ब्राह्मण वोट के साथ महागठबंधन प्रत्याशी को सफलता दिलाने का अनुमान लगाया।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी के लिए कुर्मी, रविदास और अन्य पिछड़ा वर्ग वोटरों को जोड़कर जीत का परिदृश्य देखा जा रहा है।
जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार रितेश रंजन पांडेय को बहुचर्चित लोकगायक और भोजपुरी सिने स्टार होने के कारण युवाओं का समर्थन मिल रहा है। प्रचार के दौरान युवाओं की भीड़ ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया है।
करगहर विधानसभा में अब तक एक भी महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं उतरी है। 2008 के परिसीमन के बाद यह तीसरा चुनाव है, लेकिन महिलाओं की उपस्थिति न के बराबर रही।
इस बार भी जिला परिषद पूनम पटेल, पूर्व जिला पार्षद उषा पटेल और राजद से इंदु सिंह टिकट पाने में असफल रही।
इस चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार हैं, लेकिन आधा दर्जन प्रत्याशियों का ही प्रचार-प्रसार सक्रिय देखा जा रहा है।
जनसुराज पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर समर्थन मांगा है। वहीं जदयू, कांग्रेस, बसपा और सीपीआई के उम्मीदवार भी जनता तक पहुंचने में जुटे हैं।
जातीय फैक्टर की बात करें तो करगहर में सबसे अधिक कुर्मी और ब्राह्मण मतदाता हैं। कुल 3,30,118 मतदाता अपने मत से इस त्रिकोणीय मुकाबले में किसे जीत दिलाएंगे, यह 11 नवंबर को तय होगा।
चुनावी माहौल में हर प्रत्याशी अपनी रणनीति और जातीय समीकरण के बल पर मतों की खींचतान में जुटा है। |