Mastiii 4 Review: ना कॉमेडी, ना कहानी...मस्ती के नाम पर एडल्ट जोक्स के साथ परोसी फूहड़ता

Chikheang 2025-11-21 21:32:00 views 931
  

मस्ती 4 रिव्यू/ फोटो- Jagran Graphics





प्रियंका सिंह, मुंबई। एडल्ट कॉमेडी हिंदी सिनेमा में कम ही बनती हैं। उसके कई कारण हो सकते हैं, हालांकि इसे बनाना आसान नहीं होता है, क्योंकि हंसाने और फूहड़ होने के बीच एक महिन रेखा होती हैं, जिसे पार नहीं करना होता है। साल 2004 में रिलीज हुई मस्ती इस जोनर में पसंद की गई थी। उसके बाद इस फ्रेंचाइज को ग्रैंड मस्ती और ग्रेट ग्रैंड मस्ती के साथ आगे बढ़ाया गया। अब मस्ती 4 (Mastiii 4 Review)आई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लव वीजा के चक्कर में फंसे तीन दोस्त

कहानी में फिर तीनों दोस्त मीत (विवेक ओबेरॉय), अमर (रितेश देशमुख) और प्रेम (आफताब शिवदासानी) की है, जो अपनी-अपनी पत्नियों से खुश नहीं हैं। उनका दोस्त कामराज (अरशद वारसी) उनसे कहता है कि उसकी बीवी उसे लव वीजा देती है, जिसमें वह किसी भी लड़की के साथ समय बिता सकता है। तीनों अपनी पत्नियों से लव वीजा मांगते हैं, जो उन्हें मिल जाता है। जब वह वापस लौटते हैं, तो उनकी पत्नियां भी लव वीजा मांगती हैं और वह छुट्टियों पर निकल जाती हैं। आगे की कहानी के लिए फिल्म देखनी होगी।

यह भी पढ़ें: Masti 4 OTT Release: ओटीटी पर कब और कहां रिलीज होगी एडल्ट कॉमेडी? थिएटर में दस्तक देने से पहले लीक हुई डेट

  
महिलाओं से करवाई हैं बेवकूफाना हरकतें

मिलाप इससे पहले की मस्ती (Mastii 4 Cast)  और ग्रैंड मस्ती की कहानी तुषार हिरानंदानी के साथ मिलकर लिख चुके हैं। वह इस दुनिया से वाकिफ थे, फिर भी इस एडल्ट कॉमेडी को बनाने में वह चूक गए हैं। न कहानी है, न स्क्रीनप्ले, न कोई यादगार गाना, न संवाद। मिलाप ने कहा था कि मस्ती 4, पहली मस्ती की तरह होगी। कहानी के मामले में यह बात सच है, क्योंकि सिचुएशन के मामले में फिल्म हूबहू पहली मस्ती जैसी है। लेकिन पहली मस्ती जैसी कोई मस्ती फिल्म में नहीं है। कॉमेडी फूहड़ है। महिला पात्र केवल बिकिनी पहने और बेवकूफाना हरकतें करने के लिए हैं।

संवाद में महिला पात्र का यह कहना कि अकेली रहती हूं, सुबह उठकर आई पिल (इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां) खाती हूं... या फिर लड़कियों के लिए कहना कि मरती है तो मर जाए साली... मिलाप और फारुख धोंडी के लेखन पर सवाल खड़े करती है कि क्या कॉमेडी के नाम पर ऐसे संवाद लिखना लोगों को वाकई हंसाएगा। घोड़े की खाल में आफताब और रितेश का सीन जैसे शूट किया गया है, उससे बेहतर तो आज के बच्चे अपने फोन से कर लेते हैं।

  
अरशद वारसी की फिल्म में नहीं थी जरुरत?

अभिनय की बात की जाए, तो विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh और आफताब शिवदासानी में केवल रितेश ही हैं, जो अपन अभिनय से थोड़ा बहुत हंसा पाते हैं। अरशद वारसी और नर्गिस फाखरी फिल्म में क्यों हैं, उसका जवाब न ही ढूंढना बेहतर है। बाकी तीनों मुख्य अभिनेत्रियां हिंदी बोलने के लिए संघर्ष करती रह जाती हैं। बिहार पुलिस के ऑफिसर के रोल में तुषार कपूर न वहां की बोली पकड़ पाते हैं, न हंसा पाते हैं। फिल्म में कोई गाना भी था? थिएटर से निकलकर याद नहीं रहता।

यह भी पढ़ें: Masti 4: \“पता नहीं घर की महिलाओं को कैसे...\“ सोशल मीडिया पर फूटा फैंस का गुस्सा, ट्रेलर को बताया \“अश्लील\“
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
137533

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.