देहरादून में ठंड का असर: सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ी, डॉक्टर की सलाह से रखें सेहत का ध्यान

Chikheang 2025-11-27 02:08:35 views 964
  

फाइल।



जागरण संवाददाता, देहरादून। ठंड के इस मौसम में सर्दी-जुकाम की समस्या सबसे आम होती है। ठंड लगने अथवा अचानक तापमान में गिरावट आने से शरीर को संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मौसम में गला दर्द, इंफेक्शन, छींके, नाक बहना और बंद होने, निमोनिया, त्वचा व गला संक्रमण के रोगियों के मामले की संख्या बढ़ने लगती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सर्दियों में नमी कम होने से त्वचा में शुष्कता बढ़ जाती है। साथ ही शरीर की ऊष्मा में कमी, जल्दी सर्दी-बुखार, पाचन संबंधी विकार देखे जाते हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए उचित आहार लेना जरूरी है। राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल में मेडिसिन विभाग के पास इन दिनों वायरल फीवर, खांसी, जुकाम और सिर में दर्द के मामले आ रहे हैं। यहां ओपीडी जहां सामान्य दिनों में 250-275 रहती थी अब -350-400 तक पहुंच रही है। शनिवार को भी यहां ओपीडी 397 रही।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिसिन विभाग में ओपीडी 350 पार



मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. विवेकानंद सत्यवली बताते हैं कि तापमान में बदलाव के चलते शरीर में रोग प्रतिरोधकक्षमता कमजोर पड़ती है। जिससे जुकाम, बुखार, खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है। यह मौसम वायरस-बैक्टीरिया पनपने के लिए मुफीद होता है। इस मौसम में शरीर के प्रति सचेत होना जरूरी है क्योंकि जरा सी लापरवाही सर्दी, खांसी, बुखार आदि बीमारियों को न्योता दे सकती है।
ये बरतें सावधानी

  

  • पहनावे पर खास ध्यान दें, ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार वायरल बुखार का कारण बन जाता है।
  • खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • कम इम्यूनिटी वालों के अलावा श्वास व शुगर के मरीज की परेशानी में ध्यान दें व गुनगुना पानी पिएं।
  • अगर सिर दर्द अथवा बुखार महसूस हो तो अपनी मर्जी से दवा न लें। विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लें।
  • इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी, आंवला व संतरे का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • सुबह की सैर के साथ योग भी अच्छा व्यायाम होता है। बदलते मौसम में नियमित योग करना चाहिए।
  • बार-बार अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें। इससे संक्रमण ज्यादा फैल सकता है।
  • तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द जैसे गंभीर लक्षण पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।-यदि वायरल संबंधी समस्या है तो चिकित्सक के परामर्श के बाद ही दवा लें।
  • इस मौसम में शीतल पेय के साथ ही दही ज्यादा मात्रा में खाने से खांसी को बढ़ा सकती है।


  
बच्चों के साथ ही बुजुर्गों को भी ध्यान रखना जरूरी


जिला चिकित्सालय के फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार का कहना है कि अस्पताल में भी इन दिनों अधिक संख्या में वायरल संबंधी मरीज पहुंच रहे हैं। तापमान में बदलाव वायरस के विभिन्न समूहों को पनपने के लिए उपयुक्त स्थिति प्रदान करता है जो संक्रामक रोग फैलाते हैं। धूप में तो तापमान बढ़ रहा है और एकदम से शाम को अधिक गिर जा रहा है। इस मौसम में बच्चों के साथ ही बुजुर्गों को इससे बचना जरूरी है। क्योंकि मौसम में पाचन, त्वचा, सांस संबंधी बीमारियां पनपती हैं। जिससे गला दर्द, लगातार छींके आना, नाक बहना, खुजली होने से आमजन की इम्यूनिटी कमजोर हो रही है।
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