तौकीर के रसूख से फाइलों में गुम हुए ध्वस्तीकरण आदेश, 29 बीडीए उपाध्यक्ष भी नहीं चला सके बुलडोजर।
नीलेश प्रताप सिंह, बरेली। शहर में आम आदमी नक्शा स्वीकृत कराए बिना एक ईंट भी नहीं जोड़ सकता, मगर बरेली में उपद्रव कराने वाले तौकीर और उसके करीबियों के आगे विकास प्राधिकरण भी घुटने टेकते नजर आया है।
इससे मौलाना तौकीर और उसके करीबी फरहत, मो. आरिफ, साजिद, नफीस आदि ने पीलीभीत बाइपास रोड, शाहजहांपुर रोड समेत कई अन्य प्रमुख स्थानों पर होटल, बरातघर, दुकानें और अन्य आवासीय एवं व्यावसायिक भवन खड़े कर दिए। इसमें फाइक इन्क्लेव कालोनी भी शामिल है, जिसमें उपद्रव के बाद मौलाना तौकीर ने जाकर शरण ली थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
तौकीर को शरण देने वाले फरहत को बीडीए ने मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए दो दिन में भवन खाली करने की चेतावनी दी। मगर, फाइक इन्क्लेव में यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले भी कालोनी में बने 60 से अधिक घरों को बिना मानचित्र निर्माण पर नोटिस के साथ ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया जा चुका है, लेकिन अवैध रूप से बनाए गए इन भवनों पर अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी।
एक के बाद एक अधिकारी बदलते रहे और कार्रवाई होने की बजाए आदेश ध्वस्तीकरण के आदेश की फाइलें दबती चली गईं। तौकीर और उसके करीबियों के रसूख के चलते अधिकारी इन अवैध निर्माण पर हाथ डालने से बचते रहे।
लगातार बढ़ते गए आरिफ, फरहत, नफीस आदि के होटल, बरातघर, दुकानें बीडीए ने रविवार को मौलाना के करीबी आरिफ, फरहत व अन्य के पीलीभीत बाइपास रोड स्थित तीन होटल, बरातघर को सील कर दिया।
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जानकारों के अनुसार फाइक इन्क्लेव का निर्माण करीब 25 वर्ष पहले किया गया है। उस दौरान छोटे स्वरूप (करीब 50 घर) में विकसित किया गया था। जिसने अब वृहद स्वरूप ले लिया। वर्तमान में 200 से अधिक भवन हैं। जानकारों के अनुसार अधिकतर भवन का मानचित्र स्वीकृत नहीं है।
साथ ही 60 से अधिक भवनों को ध्वस्तीकरण आदेश भी पारित है। वहीं, फहम लान का निर्माण करीब 15 साल पहले, स्काईलार्क होटल, फ्लोरा गार्डन का निर्माण 10 वर्ष में किया गया है।
हाजी शराफत का हमसफर बरातघर भी अवैध, 2024 में जारी हुआ ध्वस्तीकरण आदेश
मंगलवार को बीडीए ने शाहजहांपुर रोड पर हाजी शराफत की एक हजार वर्ग मीटर में बने अवैध बरातघर को सील कर दिया।
बीडीए अधिकारियों के अनुसार इस बरातघर का ध्वस्तीकरण आदेश वर्ष 2024 में ही जारी किया जा चुका है। ध्वस्तीकरण आदेश के बाद भी यह बरातघर कैसे और किसकी शह पर चलता रहा यह भी जांच का विषय है।
भवन निर्माण के लिए यह है प्रक्रिया
किसी भी व्यक्ति को शहर में भवन निर्माण से पहले आर्किटेक्ट के माध्यम से नक्शा पास कराने के लिए विकास प्राधिकरण में आवेदन करना पड़ता है। प्राधिकरण संबंधित आवेदन का परीक्षण कर स्थलीय निरीक्षण करता है। फिर प्रस्तुत किए गए मानचित्र आवेदन को नियमानुसार शुल्क जमा कराते हुए नक्शा स्वीकृत किया जाता है।
उसके बाद ही व्यक्ति अपनी भूमि पर भवन निर्माण कर सकता है। अवैध निर्माण नहीं हो इसके लिए यह जिम्मेदार किसी भी क्षेत्र में अवैध निर्माण नहीं हो इसके लिए थाना क्षेत्र वार विकास प्राधिकरण ने जेई-एई, एक्सईएन और विशेष कार्याधिकारी नियुक्त किए हैं।
प्राइमरी स्तर पर तैनात जेई किसी भी अवैध निर्माण की सूचना एई को देता है। एई एक्सईएन और विशेष कार्याधिकारी को रिपोर्ट देते हैं। एक्सईएन और विशेष कार्याधिकारी सचिव और उपाध्यक्ष को अवैध निर्माण की जानकारी देते हैं। जिसके बाद ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया जाता है।
शहर में तौकीर और उसके करीबियों के पूर्व में बने इन भवन के दौरान तैनात रहे जेई-एई के साथ अन्य अधिकारियों की भी जवाबदेही बनती है।
शहजिल समेत अन्य रसूखदारों पर प्रहार करने वाले जोगिंदर के कार्यकाल में भी नहीं चला बुलडोजर
शहर में अवैध निर्माण पर तत्कालीन बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कड़ा प्रहार किया था। इसमें विधायक शहजिल इस्लाम समेत कई बड़े रसूखदारों के अवैध निर्माण शामिल थे। जिसके दम पर बीडीए द्वारा दो हजार करोड़ से अधिक की एफडी कराया गया।
मगर, वह भी नक्शे के विपरीत बने फहम लान, फ्लोरा गार्डन, स्काई लार्क होटल, हमसफर बरातघर, नदीम व तौकीर के भाई की बनी अवैध दुकानों पर बुलडोजर नहीं चला सके। अब अवैध निर्माण नहीं हो और पूर्व में हुए अवैध निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई की जिम्मेदारी वर्तमान बीडीए उपाध्यक्ष डा. मनिकंडन ए. पर है।
शहर में अवैध निर्माण के विरुद्ध बीडीए की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। बीते चार वर्ष में प्रदेश में सबसे अधिक ध्वस्तीकरण और सीलिंग की कार्रवाई की गई है। कई संपत्तियों पर न्यायालय में विचाराधीन होने के चलते कुछ रुकावट जरूर आती है, लेकिन वर्तमान में बीडीए की ओर से ठोस पैरवी कर उसे शीघ्र निस्तारित कराया जा रहा है। स्पष्ट कर दूं शहर में कोई भी अवैध निर्माण नहीं रहने दिया जाएगा।
डा. मनिकंडन ए., बीडीए उपाध्यक्ष |