बेहद खास होते हैं प्राचीन फारसी कालीन, हर रंग में छिपा होता है एक खास अर्थ (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में जब भी बेहतरीन कालीनों की बात होती है, तो फारसी कालीन (Persian Rugs) का नाम सबसे ऊपर आता है। ईरान में इन कालीनों की परंपरा हजारों साल पुरानी है, जिसे पहले फारस कहा जाता था। यह सिर्फ घर की सजावट का हिस्सा नहीं होते, बल्कि संस्कृति, कला और शिल्पकला का जीता-जागता प्रमाण भी हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इतिहास की झलक
फारसी कालीनों का इतिहास करीब 5000 साल पुराना माना जाता है। प्राचीन साम्राज्यों के समय ये कालीन राजमहलों और अमीर घरानों की शोभा बढ़ाते थे। धीरे-धीरे व्यापार के जरिए ये यूरोप और एशिया तक पहुंचे और वहां भी इनकी खूब सराहना हुई। आज भी दुनिया भर में इन्हें कला प्रेमियों और संग्रहकर्ताओं के लिए खजाने की तरह माना जाता है।
क्यों खास हैं फारसी कालीन?
इन कालीनों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये पूरी तरह हाथ से बुने जाते हैं। हर एक कालीन अलग और अनोखा होता है, इसलिए इन्हें कला का नमूना माना जाता है। इनकी बुनाई में खास तौर पर रेशम और ऊन का इस्तेमाल होता है, जो इन्हें और टिकाऊ बनाता है।
फूलों, बेलों और ज्योमैट्रिक शेप्स से सजे डिजाइन इनकी खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। इन्हें रंगने के लिए आर्टिफिशियल रंगों की जगह नेचुरल कलर्स का यूज किया जाता है, जो इन्हें और भी खास बनाता है। अगर इनकी सही देखभाल की जाए तो ये कालीन पीढ़ियों तक संभाले जा सकते हैं और 50 से 100 साल तक टिक सकते हैं।
हर रंग का अपना मतलब
फारसी कालीन सिर्फ सुंदर ही नहीं होते, बल्कि इनमें इस्तेमाल किए गए हर रंग का अपना अलग अर्थ होता है। यही इन्हें और भी खास बनाता है-
- लाल रंग : प्रेम, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक
- नीला रंग : शांति, स्थिरता और आध्यात्मिकता का द्योतक
- हरा रंग : जीवन, प्रकृति और समृद्धि से जुड़ा
- सफेद/क्रीम रंग : पवित्रता और स्वच्छता का संकेत
- पीला/सुनहरा रंग : संपन्नता और खुशी का प्रतीक
कला और परंपरा का संगम
फारसी कालीन सिर्फ जमीन पर बिछाई जाने वाली चादर नहीं है, बल्कि यह एक पूरी परंपरा, शिल्प और संस्कृति की पहचान है। हर रंग, हर धागा और हर डिजाइन अपने आप में एक कहानी कहता है। यही कारण है कि ये कालीन आज भी पूरी दुनिया में कला और शिल्प के अद्वितीय नमूने माने जाते हैं।
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