खतौली के मुहल्ला लाल मोहम्मद में शुक्रवार की रात हुई लूट के बारे में जानकारी देते पीड़ित नाजिम व पत्नी शबीना। जागरण
संवाद सहयोगी, जागरण, खतौली (मुजफ्फरनगर)। कस्बे के मुहल्ला लाल मोहम्मद में शुक्रवार की रात परिवार को बंधक बनाकर लूटपाट मचाने वाले बदमाशों ने मौसी (खाला) कहकर दरवाजा खुलवाया और कहा था कि घर पर शादी समारोह के दौरान लगाया सजावटी सामान उतारना है। उनकी बोलचाल में मुस्लिम भाषा का मिश्रण था। इसके बाद बदमाशों पौन घंटा तक दो महिला समेत चार लोगों को गन प्वाइंट पर बंधक बनाए रखा। घटना की याद कर परिवार के सदस्यों के चेहरों पर घबराहट नजर आई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कस्बा खतौली के मुहल्ला लाल मोहम्मद निवासी नाजिम की भांजी की शादी मुजफ्फरनगर के रहमतनगर में हुई थी। शुक्रवार रात परिवार के अधिकांश सदस्य भांजी को लेने मुजफ्फरनगर गए हुए थे। घर पर नाजिम, उसकी पत्नी शबीना, पड़ोसी नवेद व उसकी पत्नी शीबा थे। देररात करीब पौने दस बजे डोरबेल बजी। शबीना दरवाजा खोलने पहुंचीं, तो बाहर से आवाज आई खाला (मौसी) दरवाजा खोल दो, हम बिजली वाले हैं।
घर पर हुई सजावट का सामान उतारने आए हैं। दो बदमाशों ने हेलमेट लगा रखा था, जबकि एक ने कपड़े से चेहरे को ढका था। नाजिम ने बताया कि बदमाशों ने शबीना को कमरों की चाबी देने से मना करने पर गोली मारने की धमकी दी। शबीना ने घबराकर चाबी सौंप दी। शबीना व उसके पति नाजिम के मुंह और हाथों पर टेप बांध दी, जबकि नवेद व शीबा को टेप नहीं बांधी गई। दो बदमाशों ने बेखौफ हो सभी कमरों को एक-एक खंगाला और अलमारी में रखे सोने-चांदी के जेवर और नगदी कब्जे में कर ली। उनसे घर में चार करोड़ रुपये होने की भी बात की।
लूटपाट कर बदमाश सभी को कमरे में बंद कर और दरवाजे की कुंडी लगाकर फरार हो गए। बदमाशों के जाने पर चारों ने दरवाजे को जोर-जोर से हिलाया तो उसकी कुंडी खुली गई। कमरे से बाहर आने पर शोर मचाया। आसपड़ोस के लोग एकत्र हो गए। मुजफ्फरनगर से स्वजन भी पहुंचे गए। शबीना व नाजिम ने बताया कि बदमाशों के पास तमंचे व छुरी थी। बदमाश कद काठी से युवा और लंबे तगड़े लग रहे थे। उनकी बोलचाल में मुस्लिम भाषा का मिश्रण था। उसने बदमाशों को भाई कहकर नगदी व जेवर न ले जाने को कहा तो उन्हें बहन कहते हुए बोले-\“तुम्हारी जान बख्श रहे हैं।\“ बदमाशों ने नवेद व शीबा के बारे में कहा कि \“जैसे ये तुम्हारे मेहमान हैं, वैसे ही हमारे हैं।\“ परिवार के सदस्य पौने घंटे खौफ के साए में रहे। |
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