दैनिक जागरण में प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों का जवाब देते मंडलायुक्त के विजयेन्द्र पांडियन । जागरण
जागरण संवाददाता, कानपुर। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर (करीब 83 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखकर उद्योगों से जुड़ी नीतियां बनाई जा रही हैं। एमएसएमई इकाइयों को स्थापित करने के साथ ही नई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। हालांकि, उद्योगों के बुनियादी ढांचे के विकास, निवेशकों की समस्याओं, स्वीकृतियों के सरलीकरण से लेकर पर्यावरण मानकों एवं प्रदूषण नियंत्रण तक की चुनौतियां भी सामने हैं। इसको लेकर बुधवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में कानपुर मंडल के विभिन्न जिलों से लोगों ने उद्योग निदेशक उप्र एवं कानपुर के मंडलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन से सवाल पूछे। इन पर मंडलायुक्त ने पारदर्शी एवं समाधानपरक जवाब दिए। प्रस्तुत हैं कुछ अंश... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
- खतौनी अपडेट न होने से ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। विभाग इस ओर क्या कदम उठा रहा है? गजेन्द्र तिवारी, अमौर, नर्वल
- खतौनी से संबंधित मुद्दा वर्तमान में हाईकोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए हमने पहल की है कि पुराने दस्तावेजों के आधार पर पुरानी खतौनियां तैयार की जाएं। इसके लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे। इससे ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ मिलेगा। ऋण, आवास योजनाओं और अन्य सरकारी सुविधाओं के लिए आवश्यक दस्तावेज भी शीघ्र उपलब्ध हो सकेंगे।
- जिले में फूड पार्क विकसित करने की क्या योजना है? आसपास के क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या कर रही है? संतोष कुमार दीक्षित, श्याम नगर
- प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत हर जिले में 100-100 एकड़ क्षेत्र में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जाएंगे। इन पार्कों में फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग और परीक्षण लैब जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। जनवरी 2026 से सभी जिलों में इसका शुभारंभ होगा। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग की बहुत संभावनाएं हैं, इसलिए यहां इन्वेस्टर्स को विशेष प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
- उद्यमियों के बकाया रुपये वापस कराने की प्रक्रिया क्या है? केबी सिंह, फजलगंज
- एमएसएमई में पंजीकृत किसी उद्यमी का भुगतान अगर कोई पक्ष नहीं लौटाता है, तो सरकार की ओर से एक प्रभावी व्यवस्था लागू है। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति गठित है, जो उद्यमियों की धन वसूली में मदद करती है। उद्यमी को केवल उद्योग विभाग के कार्यालय में आवेदन देना होता है। आवेदन की जांच के बाद समिति संबंधित पक्ष को नोटिस भेजती है। अब तक अनेक उद्यमियों के करोड़ों रुपये वापस कराए जा चुके हैं।
- घाटमपुर में औद्योगिक विकास की क्या स्थिति है? जयप्रकाश तिवारी, बर्रा एक
- घाटमपुर क्षेत्र में एक एमएसएमई पार्क विकसित किया जा रहा है। इसमें प्लाटिंग का कार्य अंतिम चरण में है। जल्द ही उद्यमियों को भूमि आवंटन शुरू होगा। उद्योगों के लिए बिजली, सड़क और सीवर जैसी आधारभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं। लक्ष्य है कि 2026 के मध्य तक वहां अधिक से अधिक इकाइयां स्थापित करने के लिए भूमि आवंटित हो सकें।
- सीएम युवा योजना का लाभ कैसे मिलेगा? उद्योगों के लिए अनुमतियां कितनी सरल होंगी? – सुरेंद्र सिंह, गोविंद नगर
- सीएम युवा योजना में पांच लाख रुपये का लोन उद्योगों को गलाने के लिए बिना ब्याज मिलता है, लेकिन इसके लिए उम्र सीमा 40 वर्ष है। प्रदेश सरकार ईज आफ डूइंग बिजनेस को लेकर भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कई प्रकार की अनुमतियां आनलाइन यूपीएमएसएमई की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करने पर मिल जाएंगी। जैसे-जैसे प्रक्रियाएं डिजिटल हो रही हैं, व्यवस्थाओं का सरलीकरण भी तेजी से हो रहा है।
- प्रदूषण नियंत्रण की क्या चुनौतियां हैं और क्या उपाय किए जा रहे हैं? आर्यंस सिंह, मंधना
- शहर से औद्योगिक इकाइयों को शिफ्ट करने के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। टेनरियों का प्रदूषण खत्म करने के लिए सीईटीपी (कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) का आधुनिकीकरण हो रहा है। चमड़ा उद्योगों की आनलाइन निगरानी हो रही है। उद्देश्य है कि उद्योग चलते रहें, पर मानकों के भीतर और पर्यावरण के अनुकूल काम हो।
- ओडीओपी (एक जिला–एक उत्पाद) को आगे कैसे बढ़ाया जाएगा? इसमें उद्यमियों को क्या मदद मिलेगी? अफसार अहमद, विजय नगर
- ओडीओपी योजना ने प्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। कानपुर के लेदर, कानपुर देहात के सुगंधित तेल, फतेहपुर के फ्लैक्स उत्पाद और फर्रुखाबाद के छपाई कार्य जैसे क्षेत्रों में बहुत संभावनाएं हैं। सरकार की ओर से डिजाइन हब, ई-कामर्स आनबोर्डिंग, पैकेजिंग सहायता, प्रशिक्षण और निर्यात प्रोत्साहन जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। ओडीओपी प्रदर्शन केंद्र स्थापित करने की भी योजना है। उद्यमियों को सीएम युवा योजना के माध्यम से उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- ई-बसों की सेवाएं बंद हो चुकी हैं, इससे लोग परेशान हैं? सिद्धांत सैनी, कानपुर देहात
- 150 से अधिक बसों की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें हटा दिया गया है। अब ई-बस सेवा फिर से शुरू करने के लिए 275 बसों का टेंडर किया गया है। आगामी दो माह में यह प्रक्रिया फाइनल होते ही बस सेवा फिर शुरू हो जाएगी। जो बसें जहां से चल रही थीं, वहीं से फिर चलेंगी। चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।
- फजलगंज के साथ ही अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली, सड़क और सीवर की समस्याएं कब दूर होंगी? -उमंग अग्रवाल, फजलगंज
- फजलगंज, दादानगर, पनकी, उर्सला व कल्याणपुर क्षेत्र में इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार परियोजनाएं स्वीकृत हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण, जाम समस्या समाधान, सीवर लाइनों के उन्नयन, स्ट्रीट लाइटिंग को सुधारने पर जोर है। कई हिस्सों में काम पूरा होने में समय लग रहा है, जो शेष समस्याएं हैं, उनके निस्तारण के प्रयास किए जा रहे हैं।
- निवेश को लेकर नई राहतें क्या मिलेंगी, उद्योग लोन कैसे मिलेगा? जितेन्द्र कुमार मिश्र, बिंदकी फतेहपुर
- नई औद्योगिक नीति 2024-25 में 10 प्रकार से राहत मिल रही है। स्टांप शुल्क में भारी छूट, पूंजी निवेश सब्सिडी, बिजली दरों में राहत, ब्याज अनुदान, निर्यात प्रोत्साहन जैसे लाभ दिए जा रहे हैं। सीएम युवा प्रोत्साहन योजना में पांच लाख और स्वरोजगार योजना में 25 लाख रुपये का लोन प्रदान किया जा रहा है।
इन पाठकों ने भी पूछे सवाल
सतनाम सिंह (इटावा), सुरेश अवस्थी (पांडु नगर), भूपेन्द्र सिंह भदौरिया (फर्रुखाबाद), कैलाश नाथ अवस्थी (निराला नगर), विवेक भाटिया (सिविल लाइंस), चंद्रभान दुबे (बाबूपुरवा), अनूप तिवारी (फतेहपुर), शिवगोपाल बाजपेई (रावतपुर), अरविंद शुक्ला (पांडु नगर), हरगोविंद सिंह सैनी (फर्रुखाबाद)। |