जागरण टीम, लखनऊ। रिटायर्ड आईपीएस और आजाद सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर देवरिया में जालसाजी कर औद्योगिक प्लाट की खरीद-बिक्री के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। मंगलवार रात लखनऊ पुलिस की एसआईटी के संदेश पर स्थानीय पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर सीतापुर के महोली में लखनऊ क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस घटनाक्रम के बाद उनकी पत्नी नूतन ने रात में ही एक्स पर पोस्ट लिखी कि \“कुछ लोग उनके पति को ट्रेन से उतारकर ले गए हैं। कोई कुछ बता नहीं रहा, वे पुलिस वाले हो सकते हैं।\“ बुधवार सुबह 10 बजे पुलिस ने उन्हें फोन पर गिरफ्तारी की जानकारी दी। गहमाहगमी के बीच अमिताभ ठाकुर व नूतन का एक्स एकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया। अमिताभ ठाकुर कफ सीरप की अवैध सप्लाई के मामले में लगातार मुखर थे।
उन्होंने अधिकारियों व पूर्वांचल के एक बाहुबली सांसद पर कफ सीरप मामले के आरोपितों के साथ संलिप्तता व संरक्षण देने के गंभीर आरोप भी लगाए थे। छह दिसंबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कफ सीरप मामले के आरोपित विकास सिंह विक्की की अधिकारियों से निकटता की जांच कराए जाने की मांग भी की थी।
लखनऊ में दर्ज हुआ था मुकदमा
लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी संजय शर्मा ने 12 सितंबर को तालकटोरा थाने में अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी से कागज बनाने, षड्यंत्र रचने, छलपूर्वक बेईमानी करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था।
उनका आरोप था कि वर्ष 1999 में देवरिया में एसपी पद पर तैनाती के दौरान अमिताभ ठाकुर ने जिला उद्योग केंद्र से प्लाट संख्या बी-2 का आवंटन अपनी पत्नी नूतन के नाम पर कराया था।
उसमें नूतन ठाकुर के स्थान पर नूतन देवी, पति का नाम अभिताप ठाकुर, पता ग्राम खैरा, सीतामढ़ी (बिहार) दर्ज कराया गया। उन्होंने आवेदन पत्र, शपथपत्र, ट्रेजरी चालान आदि कागज कूटरचित बनवाकर विभागों को गुमराह किया। बाद में नाम-पता सही करा प्लाट बिक्री कर लाभ कमाया।
ऐसा करके उन्होंने सरकारी विभागों, बैंकों, राज्य सरकार को लंबे समय तक धोखे में रखा, अपने पद का दुरुपयोग किया। इस प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने देवरिया व बिहार में साक्ष्य संकलित किए, गवाहों से पूछताछ की। इसके बाद गिरफ्तारी की रूपरेखा बनी।
गिरफ्तारी के लिए एसआईटी से मांगा सहयोग
शाहजहांपुर के एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि मंगलवार रात लखनऊ पुलिस की एसआईटी ने फोन कर सहयोग मांगा था। उसकी सूचना के आधार पर रात 1.52 बजे शाहजहांपुर जंक्शन पहुंची न्यू दिल्ली-लखनऊ एसी सुपरफास्ट के एम-थ्री कोच की सीट संख्या 49 पर सो रहे अमिताभ ठाकुर को जगाया गया।
मुकदमे का संदर्भ देकर उन्हें ट्रेन से नीचे उतारा गया तो विरोध करने लगे थे। उन्हें शांत कर प्लेटफार्म पर लाया गया, इसके बाद सीतापुर के महोली में क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया। क्राइम ब्रांच उन्हें गिरफ्तार कर बुधवार को देवरिया ले गई। वहां देवरिया कोतवाली में करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई।
इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इस प्रकरण में बुधवार सुबह नूतन ठाकुर ने फोन पर कहा कि अमिताभ लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे। रात में सादा कपड़ों में कोच में घुसे लोग उन्हें उतारकर ले गए। जिस भूमि को कार्रवाई का आधार बनाया जा रहा, उसे वर्ष 2000 में ही सरेंडर कर चुकी हूं।
चार वर्ष पहले भी अमिताभ ठाकुर हुए थे गिरफ्तार
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का विवादों से पुराना नाता रहा है। इससे पूर्व अगस्त 2021 में लखनऊ पुलिस ने पूर्व सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती व उसके पैरोकार युवक के सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने के प्रकरण में गिरफ्तार किया था।
अमिताभ पर युवक-युवती को यह कदम उठाने के लिए उकसाने व आपराधिक षड्यंत्र का आरोप था। यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने के प्रकरण की जांच के लिए गठित एसआईटी की सिफारिश पर लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज हुई थी।
इससे मामले में वह मार्च 2022 में जमानत पर छूटे थे। इससे पूर्व मार्च 2021 में उन्हें पुलिस सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस दर्ज कराने के बाद काफी चर्चा में रहे थे।
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