deltin33 • 2025-12-12 14:37:29 • views 555
जगदीश चौधरी और डॉ. फहीम बैग : स्वयं
स्वदेश कुमार, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की आबादी के साथ जिलों की संख्या की बढ़ोतरी समय की मांग रहती है। 1997 से दिल्ली में नौ जिले थे। सितंबर 2012 में दो जिले बढ़ाए गए, जिसके बाद कुल जिले 11 हो गए। अब दिल्ली सरकार ने इनकी संख्या 13 कर दी है। इसमें क्षेत्र और जनसंख्या का भी हिसाब भी रखा गया है। इसके साथ कई जिले लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हुए थे। उनका भी समाधानजिलोंके पुनर्गठन में किया गया है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुछ जिले अब नगर निगम के जोन के साथ कदमताल करेंगे, क्योंकि दोनों का क्षेत्र एक समान कर दिया गया है। पूर्वी जिले का क्षेत्र निगम के शाहदरा उत्तरी जोनके समान होगा। तो शाहदरा दक्षिणी जोन का पूरा इलाका पूर्वी जिले की बराबरी करेगा। अब दोनों जिलों में निगम के जोन के हिसाब से विकास योजनाएं तैयार हो सकेंगी। सांसद व विधायक निधि का प्रयोग भी बेहतर हो सकेगा।
पुरानी दिल्ली जिला बनने से चांदनी चौक और सदर बाजार की समस्या पर जिला प्रशासन केंद्रित हो सकेगा। पुरानी दिल्ली में समस्याएं और व्यवस्थाएं अलग प्रकार की हैं। यह थोक बाजारों के शहर के साथ दिल्ली की सबसे अधिक सघन आबादी वाला क्षेत्र भी है।
इसी तरह, ऐतिहासिक इमारतों के साथ यह राज्य का प्रमुख पर्यटन केंद्र भी है। यह निर्णय लालकिला धमाके के एक माह बाद आया है। माना जा रहा है कि जिले में परिवर्तन से जिला प्रशासन को पुरानी दिल्ली क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने में आसानी आएगी। अब तक यह क्षेत्र मध्य दिल्ली क्षेत्र अंतर्गत आता है। जिसका क्षेत्र भलस्वा, बुराड़ी, मुकुंदपुर, सराय रोहिल्ला तक फैला हुआ था, जिसके चलते अधिकारियों व कर्मियों को वहां तक ध्यान केंद्रित करना पड़ता है।
नई दिल्ली जिले में होंगी समस्याएं कम
नई दिल्ली जिला अब नगर निगम के क्षेत्र से पूरी तरह से अलग हो गया। अब इस जिले में एनडीएमसी और दिल्ली कैंट शामिल होंगे। इनदोनों क्षेत्रों में दिल्ली के अन्य हिस्सों की तुलना में समस्याएं कम हैं।
नहीं जाना होगा 10-12 किलोमीटर
जिलों के पुनर्गठन के बाद शालीमार बाग व शकूर बस्ती में रहने वाले लोगों को अब 10-12 किलोमीटर की दूरी नापकर कंझावला नहीं जाना पड़ेगा। अब इन यहां के लोगों स्थानीय स्तर पर ही काम हो जाएगा। इसी प्रकार नए जिले के गठन के बाद बुराड़ी के लोगों को जिला अधिकारी से मिलने के लिए दरियागंज नहीं जाना होगा। अब बुराड़ी को उत्तरी जिले में शामिल किया गया है। उत्तरी जिले में बुराड़ी के साथ-साथ बादली और आदर्श नगर को भी शामिल किया गया है। आदर्श नगर पहले उत्तरी जिले के अलीपुर स्थित मुख्यालय से जुड़ा था।
नई व्यवस्था में नांगलोई जट क्षेत्र को उत्तर-पश्चिम जिले में शामिल किया गया है। अब इस जिला क्षेत्र में रोहिणी व किराड़ों को शामिल किया गया है। दक्षिणी दिल्ली में बदरपुर के लोगों को राजस्व संबंधी काम कराने के लिएअमरकालोनी स्थित जिलाधिकारी छतरपुर के लोगों कोकार्यालय आना होता था। नई व्यवस्था में बदरपुर को सब-डिवीजन बनाया जाएगा। अब यह दक्षिण पूर्व जिले में होगा। एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी भी यहीं बैठेंगे। लोगों को अमर कॉलोनी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। काम में पारदर्शिता आएगी, लोगों का समय बचेगा और सभी विभागों में तालमेल बिठाने में भी आसानी होगी। लोगों की कई समस्याएं हल हो जाएंगी।
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कोई भी काम कराने के लिए बदरपुर के लोगों को अमर कॉलोनी जाना पड़ता था। अपने क्षेत्र में ही राजस्व से लेकर अन्य काम होंगे तो जहां लोगों को आसानी होगी, वहीं समय की बचत हो सकेगी। - धर्मेंद्र भगत, वदरपुर
छतरपुर के लोगों को के लिए महरौलीएसडीएम कार्यालय जाना पड़ता है। छतरपुर के सब-डिवीजन बनने पर क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी। लोग सरकार के इस कदम से काफी खुश हैं। - ऋषिपाल महाशय, फतेहपुर वेरी
ठीक तरह से डिवीजन बांटे गए हैं।एसडीएम को पता होगा उनके अधिकार क्षेत्र में कौन-कौन से इलाके आते हैं। इससे पहले एसडीएम कह देते थे कि वह देखेंगे कि यह क्षेत्र उनके पास जा नहीं।- डा. फहीम बैग, अध्यक्ष जाफरावादआरडब्ल्यूए
यमुनापार में वर्ष 2012 से पहले की तरह व्यवस्था कर दी गई है। उस समय भी शाहदरा जिला नहीं था। अब फिर से यह जिला समाप्त हो गया है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। लोग इस फैसले से खुश हैं। - जगदीश चौधरी, अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए
गांधी नगर मार्केट एशिया की सबसे बड़ी मार्केट है। पूर्वी जिले में गांधी नगर एसडीएम है, लेकिन गांधी नगर क्षेत्र उनके पास नहीं था। गांधी नगर शाहदरा जिले में विवेक विहार डिवीजन में आता था। इसका आफिस नंद नगरी में था। छोटे-छोटे काम के लिए नंद नगरी जाना पड़ता था। अब गांधी नगर मार्केट व क्षेत्र एसडीएम के पास ही रहेंगे। इससे बड़ी राहत होगी। - संजय जैन, गांधी नगर |
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