फोटो अपलोड में खेल
जागरण संवाददाता, नवादा/शेखपुरा। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में पारदर्शिता बढ़ाने और शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया ई-शिक्षा ऐप अब सवालों के घेरे में है। ऐप के जरिये हाजिरी लगाने की व्यवस्था का उद्देश्य भले ही तकनीकी सुधार था, लेकिन जिले के कई शिक्षकों ने इसी तकनीक को हथियार बनाकर हेराफेरी का रास्ता खोज निकाला है। कई विद्यालयों में शिक्षकों की मिलीभगत से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां हाजिरी तो दर्ज की गई, लेकिन हाजिरी लगाने वाले शिक्षक विद्यालय पहुंचे ही नहीं थे। इससे शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता और डिजिटल सिस्टम की विश्वसनीयता पर गहरे प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गड़बड़ी का पैटर्न: फोटो अपलोड में खेल, एक ही फोटो से कई दिनों की हाजिरी
ई-शिक्षा ऐप में हाजिरी के लिए शिक्षकों को सेल्फी अपलोड करनी होती है, लेकिन जांच में पाया गया कि कई विद्यालयों में एक ही फोटो बार-बार अपलोड की जा रही है। कुछ मामलों में शिक्षकों ने पूर्व में ली गई तस्वीरें उपयोग कर उपस्थिति दर्ज कर ली। ऐप में फोटो के टाइम-स्टैम्प और लोकेशन की स्पष्ट अनिवार्यता नहीं होने का फायदा उठाकर शिक्षक घर बैठे ही \“ऑन पेपर\“ उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
केस-1: एक ही शिक्षक की फोटो कई दिनों तक अपलोड
किसी विद्यालय में एक शिक्षक की पुरानी सेल्फी लगातार कई दिनों तक हाजिरी के लिए अपलोड होती रही। जांच में स्पष्ट हुआ कि संबंधित शिक्षक उन दिनों स्कूल आए ही नहीं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने इस पर आपत्ति जताने के बजाय चुप्पी साधे रखी, जिससे मिलीभगत की आशंका और गहरी हो गई।
केस-2: मेनुअल फोटो अपलोड, विद्यालय में उपस्थिति नहीं
एक अन्य विद्यालय में शिक्षक ने हाजिरी ऐप में वही फोटो अपलोड की, जो महीनों पहले ली गई थी। वास्तविक समय की फोटो अपलोड न करने के बावजूद सिस्टम ने उपस्थिति दर्ज कर ली। शिक्षकों के अनुसार, \“नेटवर्क समस्या\“ बताकर इस तरह की प्रक्रिया सामान्य बना दी गई है।
केस-3: दो शिक्षकों की जगह एक ही फोटो
कई जगह दो अलग-अलग शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए एक ही फोटो अपलोड की गई। इससे स्पष्ट है कि ऐप का उपयोग संदेश भेजने के उपकरण की तरह हो रहा है, न कि वास्तविक उपस्थिति व्यवस्था के रूप में।
तकनीकी खामियां बनी वजह
ई-शिक्षा ऐप में लोकेशन लॉक, लाइव टाइम-स्टैम्प और फेस रिकग्निशन जैसी तीन महत्वपूर्ण सुविधाएं नहीं हैं। इसी का फायदा उठाकर शिक्षक मनचाही जगह से फोटो अपलोड कर उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
कई स्कूलों में इंटरनेट कमजोर होने का बहाना बनाकर शिक्षकों ने ऐप के नियमों को लगभग अप्रभावी बना दिया है।
प्रबंधन की कमजोर निगरानी
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि हाजिरी की गड़बड़ियों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। निरीक्षण के दौरान भी पाया गया है कि कई स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं आते, लेकिन उपस्थिति पूरी रहती है।
यह स्थिति सीधे संकेत देती है कि विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक निगरानी की जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं।
समाधान की ओर कदम: विभाग सख्त, होगी व्यापक जांच
विभागीय सूत्रों के अनुसार, अब ऐप में तकनीकी बदलावों पर काम शुरू हो चुका है। लोकेशन ट्रैकिंग और रियल-टाइम फोटो वेरिफिकेशन अनिवार्य किए जाने की योजना है। इसके अलावा ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर जांच की जाएगी, जिनकी उपस्थिति संदिग्ध पाई जा रही है।
यह मामला सिर्फ तकनीकी खामी का नहीं, बल्कि अनुपस्थिति और गैरजिम्मेदारी की गहरी समस्या का भी है। जब शिक्षक ही अनुशासन तोड़ेंगे, तो शिक्षा व्यवस्था पर इसका गंभीर असर होना तय है। |