पुरस्कृत लकड़ी से बनी गणेश भगवान की मूर्ति।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। बेहट रोड स्थित मैनुफैक्चरिंग कारखाने में ऑटो मोबाइल, सिलाई मशीन के पुर्जे और तसले बेलचे के अलावा मशीनरी उपकरणों से सुंदर शिल्प तैयार कर विदेशों में ऑर्डर पर भेजे जाते हैं।
स्क्रैप से सुंदर शिल्प तैयार कर यूके, दुबई, यूएई, यूएसए आदि देशों में भेजे जाते हैं। दुबई में 15 लाख का घोड़ा तैयार कर भेजा जा चुका है। इसके अलावा दो फुट के पीपल के पत्ते पर विराजमान भगवान श्री गणेश, भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के अलावा बॉक्सर, चेयर-टेबल पर गिटार आदि तैयार किए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन प्रोडेक्ट की कीमत 1000 से लेकर 40 लाख रुपये तक है। बेहट रोड निवासी अरूण कुमार पिछले दस वर्षो से मेटल आर्ट के क्षेत्र में कार्यरत हैं। वह ऑटो मोबाइल के पुर्जाेंं से नट-बोल्ट, मशीनरी उपकरणों आदि जैसे स्क्रैप से सुंदर शिल्प बनाते हैं।
उनकी सभी कलाकृतियां पूरी तरह से हस्तनिर्मित, पर्यावरण अनुकूल और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली होती है। उनकी कला को देश ही नहीं बल्कि अमेरिका, यूएई, और यूरोपीय देशों में सराहा गया है। उत्कृष्ट शिल्प कौशल के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य पुरस्कार 2024 से सम्मानित भी किया जा चुका है।
अरूण कुमार ने बताया कि भगवान गणेश की धातु की मूर्ति पूरी तरह से स्क्रैप सामग्री जैसे ऑटो मोबाइल के पार्ट्स, आयरन नेल्स, नट-बोल्ट और मशीनरी से तैयार की गई है। मुकुट सिर, हाथ, पेट और वस्त्र प्रत्येक भाग अलग-अलग बनाकर बारीकी से हाथों से वेल्ड किया गया है।
वेल्डिंग अंदर की तरफ से की गई ताकि मूर्ति सुंदर दिखाई दे सके। दो माह में यह कृति पूरी हो सकी। उन्होंने बताया कि मूर्ति घर, कार्यालय, रेस्टारेंट, बगीचे और आध्यात्मिक स्थलों के लिए उत्कृष्ट सजावटी कलाकृति है।
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