जगदीप शुक्ल, सीतापुर। भले ही अभी पंचायत चुनाव की आहट हो, लेकिन राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव के मोड में आ गए हैं। हर गतिविधि और फैसले में इसकी झलक भी दिखाई देती है। भाजपा ने जिले की सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों से प्रांतीय परिषद सदस्यों की घोषणा की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसमें सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। भाजपा ने समाजवादी पार्टी के पीडीए फार्मूले की काट के लिए ऐसा किया है। बनाए गए नौ प्रांतीय परिषद सदस्यों में सामान्य, पिछड़ा, अनुसूचित जाति वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
इसमें पासी समाज के तीन, क्षत्रिय के दो, यादव, कुर्मी, खत्री, जैन समाज के एक-एक कार्यकर्ता को सदस्य बनाया गया है। प्रांतीय परिषद में लहरपुर से वीरेंद्र पुरी, महोली से हरीश चंद्र वर्मा, हरगांव से शंकर दयाल भार्गव, बिसवां से सीमा जैन, मिश्रिख से अजय भार्गव, महमूदाबाद से अनिल यादव, सेउता से मनोज सिंह, सिधौली से राम बख्श रावत व सीतापुर सदर से इंदू सिंह चौहान को सदस्य बनाया गया है।
जातीय समन्वय पर भी ध्यान
सेउता से ज्ञान तिवारी विधायक हैं। उन्होंने सपा के महेंद्र सिंह झीन को पराजित किया था। प्रांतीय परिषद में यहां से क्षत्रिय समाज के मनोज सिंह को भेजकर समन्वय बनाने की कोशिश की है। इसी प्रकार महोली में कुर्मी मतदाताओं का साथ भाजपा को मजबूती देता है। यहां से शशांक त्रिवेदी विधायक हैं।
कुर्मी समाज के हरीश चंद्र वर्मा को सदस्य बनाए जाने को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पासी समाज का भरोसा कायम रखने के लिए तीन सदस्य इसी समाज से भेजे गए हैं। इसके अलावा जैन, यादव व कुर्मी समाज को प्रतिनिधित्व देकर उन्हें सहेजने की कोशिश की गई है।
परिवारवाद की दिखी झलक
इसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अजय भार्गव को भी सदस्य बनाया गया है। इनके पिता रामकृष्ण भार्गव मिश्रिख से विधायक, इनकी मां मिथिलेश भार्गव मछरेहटा से ब्लाक प्रमुख और इनकी पत्नी सीमा भार्गव मिश्रिख-नैमिषारण्य नगर पालिका की अध्यक्ष हैं। इनको सदस्य बनाने को पार्टी में परिवारवाद से जोड़कर लोग चर्चाएं करने लगे हैं।
प्रदेश चुनाव अधिकारी की संस्तुति के बाद प्रांतीय परिषद सदस्यों की घोषणा कर दी गई है। इसमें भाजपा के सबका साथ-सबका विकास मंत्र का ध्यान रखते हुए सभी वर्ग के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
-नागेंद्र गुप्त, जिला चुनाव अधिकारी। |