दिल्ली यूनिवर्सिटी अगले एकेडमिक सेशन से वीर सावरकर कॉलेज खोलने की तैयारी में है। फाइल फोटो
रितिका मिश्रा, नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) अगले एकेडमिक सेशन से अपना नया वीर सावरकर कॉलेज खोलने की तैयारी कर रही है। नजफगढ़ के रोशनपुरा गांव में बन रहा यह कॉलेज 30 साल में DU का पहला नया कॉलेज होगा। स्टूडेंट्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और एंटरप्रेन्योरशिप जैसे मॉडर्न और नौकरी दिलाने वाले कोर्स पढ़ने का मौका मिलेगा। इससे पहले, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज 1995 में बना था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कॉलेज में B.Sc. (ऑनर्स) डेटा साइंस और B.Sc. (ऑनर्स) AI-मशीन लर्निंग में 120-120 सीटें होंगी, जबकि B.B.A. (एंटरप्रेन्योरशिप एंड डेवलपमेंट) प्रोग्राम में 60 सीटें होंगी। अधिकारियों के मुताबिक, कॉलेज का लगभग 30 परसेंट कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हो चुका है, और पूरा कैंपस जून 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि कॉलेज के लिए लगभग 60 फैकल्टी मेंबर की भर्ती का प्रपोजल फाइनल अप्रूवल स्टेज में है। DU ने इस साल मार्च में घोषणा की थी कि कॉलेज में एडमिशन 2025-26 सेशन में शुरू होंगे, लेकिन शिक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से मंज़ूरी में देरी के कारण प्रोसेस में देरी हुई।
यूनिवर्सिटी अधिकारियों के अनुसार, कॉलेज ₹140 करोड़ की लागत से बन रहा है। चूंकि रोशनपुरा गांव ने ज़मीन दान की है, इसलिए हर कोर्स में दो सीटें गांव के स्टूडेंट्स के लिए रिज़र्व होंगी, जिनमें से एक महिला कैंडिडेट्स के लिए होगी।
कॉलेज को 24 क्लासरूम, आठ ट्यूटोरियल रूम, 40 फैकल्टी ऑफिस, एक लाइब्रेरी, एक कॉन्फ्रेंस हॉल और एक कैंटीन जैसी सुविधाओं के साथ बनाया जा रहा है। कुल कंस्ट्रक्शन एरिया लगभग 18,816 स्क्वायर मीटर होगा।
जनवरी में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कॉलेज के साथ-साथ DU के दो और बड़े प्रोजेक्ट्स: सूरजमल विहार ईस्ट कैंपस और द्वारका वेस्ट कैंपस की नींव रखी थी। इन तीनों प्रोजेक्ट्स पर कुल मिलाकर ₹600 करोड़ से ज़्यादा खर्च हो रहे हैं ताकि यूनिवर्सिटी की सुविधाओं और कैपेसिटी को बढ़ाया जा सके। DU अधिकारियों का कहना है कि नए कॉलेज और कैंपस खुलने से स्टूडेंट्स के लिए नए मौके खुलेंगे और मॉडर्न एजुकेशन तक उनकी पहुंच मजबूत होगी। |