सुंदरगढ़ जिले में धान खरीदी केंद्र (मंडियां) 20 दिसंबर से खोलने की तैयारी है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला/सिमडेगा । सुंदरगढ़ जिले में धान खरीदी केंद्र (मंडियां) 20 दिसंबर से खोलने की तैयारी जोरों पर है। जिले की सीमाएं झारखंड के पश्चिम सिंहभूम और सिमडेगा जिलों से लगती हैं।
यहां इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 रुपये तथा 81 रुपये बोनस मिलाकर कुल 2,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके मुकाबले ओडिशा में सरकार 3,169 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी मूल्य अंतर का फायदा उठाते हुए बिचौलिए झारखंड का सस्ता धान ओडिशा की मंडियों में खपाने की साजिश रच रहे हैं। जानकारी के अनुसार, झारखंड में धान की कटाई पहले ही पूरी हो चुकी है।
अब वहां के बिचौलिए गांव-गांव घूमकर 1,850 से 2,000 रुपये क्विंटल के भाव से धान खरीद रहे हैं और उसे सीमावर्ती रास्तों से होकर ओडिशा के गोदामों व राइस मिलों में जमा कर रहे हैं। यह धान अब पंजीकृत किसानों के नाम पर मंडियों में बेचा जाएगा।
सुंदरगढ़ जिले के जराईकेला, नुआगांव और बीरमित्रपुर मार्ग से सबसे ज्यादा धान ओडिशा की ओर आ रहा है। जिले के नुआगांव, कुआरमुंडा, बिसरा और लाठीकटा ब्लॉक में जिन किसानों को एक टोकन पर 20 से 30 क्विंटल धान बेचने की अनुमति मिली है, उन्हें बिचौलिये निशाना बना रहे हैं।
प्रति क्विंटल 200 से 300 रुपये कमीशन देकर किसानों से झारखंड का धान मंडी में बेचवाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत यह सुनिश्चित किया जाना है कि पंजीकृत किसान अपने धान की बिक्री केवल निर्धारित टोकन अवधि में ही करें।
टोकन वितरण की प्रक्रिया अगले 3-4 दिनों में शुरू होने की संभावना है। इसके बावजूद मंडियां खुलने से पहले ही सीमावर्ती इलाकों में बिचौलियों की गतिविधियां तेज हो गई हैं।
पिछले वर्ष आपूर्ति विभाग ने सीमावर्ती ब्लॉकों में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में अवैध धान जब्त किया था। इस बार भी प्रशासन सजग हो गया है।
अवैध रूप से धान की आवाजाही रोकने के लिए जिले की सीमाओं पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। सुंदरगढ़ जिले में अवैध तरीके से धान का प्रवेश न हो, इसके लिए पुलिस की मदद ली जा रही है। सीमा क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और विभाग की ओर से विशेष स्क्वायड गठित कर गश्ती शुरू कर दी गई है। अवैध रूप से धान सीमा पार कराने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।
- अजय रथ, जिला आपूर्ति अधिकारी। |