प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
विद्या सागर, पटना। जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अत्याधुनिक सर्विलांस रडार लगाने की योजना भूमि आवंटन के आभाव में लंबित पड़ी है।
एयरपोर्ट प्रशासन ने रडार स्थापना के लिए आवश्यक जमीन की मांग राज्य सरकार से की है, लेकिन भूमि उपलब्ध न होने के कारण परियोजना आगे नहीं बढ़ पा रही है। अधिकारियों के अनुसार, रडार के लिए आवश्यक क्षेत्र चिह्नित कर प्रस्ताव भेज दिया गया है और जमीन मिलते ही इंस्टालेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चार माह पूर्व सितंबर माह में एयरपोर्ट प्रशासन ने सरकार को भूमि आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा है। आईसीएआर के पास 90 गुणा 100 मीटर लगभग एक एकड़ भूमि इसके लिए चिह्नित किया गया है।
पटना एयरपोर्ट पर लगने वाले रडार से ही राज्य के सभी छोटे बड़े सभी एयरपोर्ट को रीयल टाइम डेटा मिल जाएगा। अभी प्रदेश में संचालित गया, दरभंगा व पूर्णिया एयरपोर्ट पर रडार की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
पटना देश के सबसे व्यस्त क्षेत्रीय एयरपोर्टों में शामिल है, जहां अभी भी उड़ान संचालन मुख्य रूप से विजुअल और पारंपरिक नेविगेशन सिस्टम पर निर्भर है। ऐसे में रडार लगना एयरपोर्ट की सुरक्षा और संचालन क्षमता दोनों के लिए अत्यंत जरूरी माना जा रहा है।
रडार स्थापित होने से एटीसी को विमानों की रीयल-टाइम, सटीक निगरानी मिल सकेगी। इससे एयरक्राफ्ट सेपरेशन और गाइडेंस अधिक सुरक्षित व त्रुटिरहित होगा।
पटना में कोहरा और कम विजिबिलिटी के कारण हर वर्ष बड़ी संख्या में उड़ानें प्रभावित होती हैं। रडार लगने के बाद ऐसी परिस्थितियों में भी विमानों को सुरक्षित रूप से लैंडिंग और टेकऑफ कराने में सुविधा होगी।
हवाई सेवा में होगा सुधार
बेहतर मॉनीटरिंग से फ्लाइट डिले और उड़ान रद होने की स्थिति में कमी आएगी, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। घने ट्रैफिक के बीच विमानों के प्रवेश, निकास और ऊंचाई प्रबंधन में सटीकता बढ़ेगी, जिससे एयरस्पेस की क्षमता भी बढ़ेगी।
इसके साथ हीं पटना एयरपोर्ट पर बढ़ते यात्री दबाव और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संभावना को ध्यान में रखते हुए रडार सिस्टम अत्यंत आवश्यक है। यह आने वाले वर्षों में हवाई सेवाओं में सुधार और विस्तार को नई दिशा देगा।
एयरपोर्ट प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही भूमि उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे रडार स्थापना का रास्ता साफ होगा और पटना एयरपोर्ट आधुनिक तकनीक से लैस होकर और अधिक सुरक्षित व सक्षम बन सकेगा। |