यूपी में बदले सर्किल रेट के नियम, प्रदेश में संपत्तियों की रजिस्ट्री में जियोटैग फोटोग्राफ और यूनिक ID अनिवार्य

cy520520 2025-12-14 03:37:23 views 399
  



जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सोमवार से लागू होने वाले नए सर्किल रेट में कुछ नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। संपत्तियों की रजिस्ट्री में जियोटैग फोटोग्राफ के साथ प्रापर्टी की यूनिक आइडी अनिवार्य कर दिया गया है। जियोटैग फोटोग्राफ में अक्षांश एवं देशांतर प्रदर्शित होने चाहिए। इसके अलावा रूट मैप के साथ भवन-फ्लैट के निर्माण वर्ष, कालोनी बसाने पर एनजीटी के नियमों का पालन आवश्यक है। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, जिला मार्ग, संपर्क मार्ग, खड़ंजा मार्ग, इंटरलाकिंग मार्ग का अलग रेट निर्धारित किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

विकासशील ग्रामों के साथ ही नगर निगम में शामिल किए गए गांवों का भी अलग से मूल्यांकन किया गया है। विकासशील गांवों को चार श्रेणियों क, ख, ग व घ में विभाजित किया गया है, जहां 25 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ाया गया है। किसी संपत्ति में बोरवेल अथवा सबमर्सिबल है तो उसके लिए एक लाख रुपये निर्धारित कर दिए गए हैं। पौधों की आयु के अनुसार उनका मूल्यांकन किया जाएगा। दो सड़कों के कार्नर की संपत्ति की रजिस्ट्री में 10 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप देना होगा। इसी तरह दो मार्गों के कार्नर व पार्क होने पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप शुल्क लगेगा।

एआइजी स्टांप राकेश चंद्रा ने बताया कि वाणिज्यिक संपत्तियों का मूल्यांकन भी अलग-अलग किया जाएगा। एकल दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान का तात्पर्य ऐसे व्यवसायिक भवन से होग, जहां भूमि एवं उस पर अवस्थित संपूर्ण निर्माण का एक ही सम्व्यवहार से रजिस्ट्री होगी। ऐसी व्यावसायिक संपत्ति एक या एक से अधिक तलों की हो सकती है मगर प्रतिबंध यह है कि इसकी रजिस्ट्री एक ही विलेख द्वारा हो।

एरिया की दरों के आधार पर होगी गणना

एक दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान की स्थिति में उस क्षेत्र विशेष के लिए निर्धारित एकल दुकान तथा एकल वाणिज्यिक अधिष्ठान के लिए भूमि की दर और आच्छादित भाग के लिए निर्धारित निर्माण की दर के योग एवं एक ले भिन्न वाणिज्यिक भवन में स्थित दुकान-वाणिज्यिक अधिष्ठान की स्थिति में वहां के लिए निर्धारित कारपेट एरिया की दरों के आधार पर गणना होगी। उदाहरण के तौर पर यदि 10 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की दुकान के लिए 30 हजार वर्ग मीटर एवं निर्माण की दर 20 हजार वर्ग मीटर है तो इसका मूल्यांकन 30 हजार प्लस 20 हजार गुणा 10 होगा, अर्थात उसका मूल्यांकन पांच लाख रुपये में होगा।

इसी तरह यदि एकल से भिन्न किसी दुकान का अथवा वाणिज्यिक अधिष्ठान का क्षेत्रफल 12 वर्ग मीटर है तो उस क्षेत्र में कार्पेट एरिया दर डेढ़ लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है तो 18 लाख रुपये मूल्यांकन होगा। कार्पेट एरिया की दरें सिर्फ दुकानों पर लागू होंगी। कार्यालय अथवा गोदाम जैसे वाणिज्यिक भवन की दशा में कार्यालय का आगणित मूल्य के 90 प्रतिशत पर और गोदाम का 80 प्रतिशत मूल्यांकन होगा। जिले में किसी मार्ग पर स्थित ओवर ब्रिज, फ्लाई ओवर से ऊंचाई से प्रारंभिक बिंदु से ढलान की समाप्ति तक नीचे की सड़क पर स्थित भूखंड का मूल्यांकन उस मार्ग के लिए निर्धारित भूखंड की दर से 20 प्रतिशत की कमी करते हुए की जाएगी।

उप निबंधक सदर प्रथम चतुर्भुज पांडेय ने बताया कि मुख्य मार्ग अथवा रोड सेगमेंट पर स्थित अकृषक भूमि के मूल्यांकन में संबंधि सेगमेंट की दरों के मुताबिक ही उसका मूल्यांकन किया जाएगा। संपत्ति के किसी मुख्य मार्ग या रोड सेगमेंट से हटकर स्थित होने पर की स्थिति में उस मार्ग की चौड़ाई के आधार पर मूल्यांकन होगा। गैर वाणिज्यिक भूखंड की रजिस्ट्री में चौड़ाई का उल्लेख अनिवार्य होगा। गैर वाणिज्यिक भवन के निर्माण मूल्य की दरें भी अलग-अलग वर्ष के आधार पर मूल्यांकित होंगी।

आवासीय भवनों के अलग-अलग तल का होगा मूल्यांकन

लगभग 20 वर्ष अथवा इससे पुराने निर्माण में भवन का स्टांप कम लगेगा मगर जमीन की मौजूदा दर से स्टांप लगेगा। फ्लैट्स अथवा अपार्टमेंट के कवर्ड एरिया की निर्माण दरें अलग होंगी। एक मंजिल से अधिक मगर चार मंजिल (पार्किंग के अतिरिक्त) तक के आवासीय भवन (छत के स्वामित्व अधिकार रहित) के अलग-अलग तल का मूल्यांकन होगा।

दो मंजिल की दशा में प्रत्येक मंजिल में अविभाजित भूमि का अंश 50 व 50 प्रतिशत होगा। तीन मंजिल की दशा में प्रत्येक मंजिल में भूमि का अविभाजित अंश 33.33 प्रतिशत होगा। चार मंजिल की दशा में भूमि का अविभाजित अंश 25 प्रतिशत होगा। आवासीय-गैर वाणिज्यिक भवन में केवल भूतल की ऊरपी छत मात्र के विक्रय की दशा में आगणति मूल्य के 60 प्रतिशत पर स्टांप लगेगा।

प्रथम तल की ऊपरी छत मात्र के विक्रय की दशा में न्यूनतम मूल्य आगणित मूल्य 40 प्रतिशत पर और ऊपर के अन्य तलों की छत मात्र के विक्रय की दशा में आगणित मूल्य का 25 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगेगा। अपार्टमेंट के भवनों के परिसर का निकास यदि मुख्य मार्ग अथवा उसकी सर्विस लेन पर होता है तो सभी यूनिट-ब्लाक का मूल्यांकन मुख्य मार्ग पर निर्धारित दर से किया जाएगा। अपार्टमेंट में भवनों के परिसर यदि दो या दो से अधिक मार्गं पर स्थित है तो उसमें निहित आनुपातिक भूमि का मूल्यांकन अधिकतम दर वाली सड़क की दर से आगणित करते हुे 10 प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि होगी।

शहर के पास के 18 गांवों की भूमि अकृषक घोषित, 30 प्रतिशत बढ़ा सर्किल रेट

शहर से सटे भगवतपुर ब्लाक के 18 गांवों की भूमि को निबंधन विभाग ने अकृषक घोषित कर दिया है। दरअसल, इन गांवों में अब कृषि भूमि बची ही नहीं है। अभी तक राजस्व विभाग के अभिलेखों में कृषि भूमि दिखाकर लोग जमीन खरीद रहे थे, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। इस पर अब अंकुश लगेगा और सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सकेगी।

इन गांवों में अब जमीन का सर्किल रेट 33 प्रतिशत बढ़ गया है। शहर से बिल्कुल सटे कटहुला गौसपुर, असरावे खुर्द, फुलवा, बिसौना, जोंधवल, आदमपुर, मदारीपुर, करेहदा, गोहटी, सैदपुर, बक्शी मोढ़ा, एनुउद्दीनपुर, बीरमपुर, उस्मानपुर, बमरौली, अहमदपुर असरौली, कादुलपुर, इस्माइलपुर में जमीन का सर्किल रेट बढ़ा है। इन गांवों में बड़े पैमाने पर बिल्डर और प्राइवेट कालोनी बसाने लोग जमीन खरीद रहे हैं।

यही नहीं निजी तौर पर भी घर बनवाने के लिए प्लाट की रजिस्ट्री करा रहे हैं। ऐसे में इन गांवों की जमीन का सर्किल रेट बढ़ाने से यहां जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा। पिछले वर्ष इन गांवों में जमीनों की बिक्री से लगभग 27 करोड़ रुपये का स्टांप का प्रयोग हुआ था। इससे स्पष्ट है कि इन गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त तेजी से बढ़ रहा है। एआइजी स्टांप राकेश चंद्रा ने बताया कि शहर पश्चिमी से सटे इन गांवों में अब सभी जमीन गैरकृषक हो गई हैं। इससे सरकार को राजस्व का लाभ होगा। बताया कि गैरकृषक जमीन की रजिस्ट्री कराने में स्टांप शुल्क आवासीय अथवा व्यावसायिक रूप से देना होगा।

लगभग 150 करोड़ राजस्व बढ़ेगा, पारदर्शिता भी आएगी, काले धन पर लगेगा अंकुश

नए सर्किल रेट से सरकार खजाना तो बढ़ेगा ही, साथ ही पारदर्शिता भी कायम होगी। यही नहीं हर अपार्टमेंट के फ्लैट के रेट खोल देने से खरीदने वाले को कई तरह से लाभ भी होगा। उसे बैंक लोन लेने से लेकर उसकी संपत्ति का वैल्यू बढ़ेगा। इसके साथ ही ब्लैक मनी पर भी अंकुश लग सकेगा। नए सर्किल रेट से जिले के राजस्व में इस वर्ष लगभग 150 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना है।

खेत खरीद कर प्लाटिंग की तो जुर्माने संग अतिरिक्त स्टांप शुल्क

नए सर्किल रेट के नियमों में यह प्राविधान कर दिया गया है कि प्लाटिंग के उद्देश्य से खेती की जमीन खरीदने पर रजिस्ट्री के अभिलेखों में इसका उल्लेख करना होगा, जिसके हिसाब से ही स्टांप शुल्क लगेगा। ऐसा न करने पर जुर्माने के साथ अतिरिक्त स्टांप शुल्क देना होगा। प्राविधान में रेरा के साथ एनजीटी के नियमों को प्लाटिंग एरिया में लागू करना होगा। प्राइवेट कालोनी में हरित पट्टिका, खुले स्थान, पार्क, क्रीड़ा स्थल भी रखने होंगे। ऐसे गांवों की श्रेणी भी बना दी गई है।

विकासशील गांव और सामान्य गांव की श्रेणी है। विकासशील गांव शहर से बिल्कुल सटे हैं जहां शहर के बड़े प्रोजेक्ट का प्रभाव है। नगर पंचायतों की सीमा के गांव विकासशील की श्रेणी में हैं। सामान्य जो शहर तथा नगर निकायों से दूर हैं। इसके अलावा एग्रीमेंट कराकर जमीन की प्लाटिंग करने पर भी अतिरिक्त स्टांप शुल्क देने का नियम आ गया है।
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