हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों का प्रारूप नए शैक्षणिक सत्र से पूरी तरह बदलेगा। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्कूली पाठ्यक्रम में नए विषयों को शामिल किया जाएगा। तकनीकी शिक्षा के बाद अब स्कूली पाठ्यक्रम में एआइ (कृतिम मेधा) जैसे कई नए विषयों को शामिल किया जाएगा।
शिमला में शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 में हिमाचल को शिक्षा क्षेत्र में नंबर-1 राज्य बनाना है। इसकी नींव सरकार ने रख दी है। अगले एक साल में कई बड़े निर्णय इसके तहत लिए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अस्थायी शिक्षकों की भी भर्ती होगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूलों में शिक्षक का कोई पद रिक्त नहीं रहेगा। स्थायी के साथ अस्थायी शिक्षकों की भी भर्ती होगी। इस पर विचार चल रहा है। ये अस्थायी भर्ती स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) की तर्ज पर नहीं होगी। इनका कार्यकाल निश्चित होगा, यानी यदि पांच वर्ष के लिए सेवाएं चाहिए तो उतने समय के लिए ही तैनात किया जाएगा।
मल्टी टास्क वर्कर की भी नियुक्ति होगी
मल्टी टास्क वर्कर इत्यादि की भी नियुक्ति की जाएगी। अभी तक पुरानी व्यवस्था के तहत चल रहे थे, लेकिन अब इसमें बदलाव होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सरकार की तीन प्राथमिकताएं हैं। शिक्षा पहली प्राथमिकता है, इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। नए शैक्षणिक सत्र में तीन डे बोर्डिंग स्कूल शुरू हो जाएंगे, शेष पर काम चल रहा है।
हर विधानसभा क्षेत्र में आठ से नौ स्कूल श्रेष्ठ कैंपस वाले
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों का प्रारूप पूरी तरह बदला जा रहा है। ज्यादा स्कूल खोलने के बजाय हर विधानसभा क्षेत्र में आठ से नौ ऐसे स्कूल बनाए जाएंगे जो श्रेष्ठ होंगे। इनमें प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होगी। नियमित विषयों के अलावा खेल, संगीत और संस्कृति विषय भी अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाएंगे। स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम तो शुरू किया गया है, लेकिन बच्चों का संपूर्ण विकास तभी होगा जब उन्हें अपनी रुचि के अनुसार विषय पढ़ने को मिले।
स्कूलों में मोबाइल फोन पर पूर्णत: प्रतिबंध, लगेंगे जैमर
सरकारी स्कूलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूर्णत: प्रतिबंधित होगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए विभाग को एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यदि बच्चे मोबाइल फोन लेकर आते हैं, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। कितने दिन तक यह जब्त रहेगा, इसके लिए एसओपी बनेगी। शिक्षकों को प्रशासनिक कार्य के लिए टैबलेट दिए जाएंगे, जिनका प्रयोग केवल स्टाफ रूम में ही किया जा सकेगा।
शिक्षकों पर नहीं होगा तबादले का डर, बदलेगी तबादला नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षकों के लिए तबादला नीति बदलने पर विचार कर रही है। सरकार ऐसी नीति लाएगी ताकि शिक्षकों के ऊपर से यह डर ही खत्म हो जाए। सीबीएसई शिक्षकों के लिए अलग से कैडर बनाया जा रहा है। इससे किसी भी श्रेणी के शिक्षकों के हित प्रभावित नहीं होंगे। सरकार जबरन किसी शिक्षक को सीबीएसई स्कूल में नहीं भेजेगी, जिसकी इच्छा होगी उनकी ही सेवाएं ली जाएगी। बच्चों को भी परीक्षा देने में दिक्कत आएगी। इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं शिक्षकों को लगानी होंगी।
प्राइमरी स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं नए सत्र से होंगी बहाल
मुख्यमंत्री ने प्राइमरी स्तर के बच्चों के लिए आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं को बहाल करने की घोषण की। पिछले एक साल से ये प्रतियोगिताएं बंद थीं। इसे बंद करने का कारण प्रदेश में प्राकृतिक आपदा था। छोटे बच्चों को आपदा के दौरान प्रतियोगिताओं में भाग लेने नहीं भेजा जा रहा था। नए सत्र में ये भी बहाल हो जाएंगी।
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