रेलवे सुरक्षा बल बास्केटबाल चैंपियन ट्राफी के साथ पूर्वोत्तर रेलवे की टीम। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलवे सुरक्षा बल की ओर से सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में चल रही 32वीं अखिल भारतीय रेलवे सुरक्षा बल बास्केटबाल प्रतियोगिता-2025 का फाइनल मुकाबला शनिवार को खेला गया। जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उत्तर रेलवे को 64-50 अंकों से पराजित कर खिताब अपने नाम किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
फाइनल मुकाबले में पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से भीम सिंह, राम आसरे यादव, दीपक कश्यप, सूर्यभान सिंह, विजय कुमार और अजय मल्ल ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। टीम ने शुरू से अंत तक बढ़त बनाए रखते हुए मैच को अपने पक्ष में रखा। उत्तर रेलवे की ओर से राजेश दहिया, सुनील महला और राजेंद्र ने संघर्षपूर्ण खेल दिखाया, लेकिन टीम उपविजेता रह गई। प्रतियोगिता में तीसरा स्थान दक्षिण रेलवे को मिला।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि महाप्रबंधक उदय बोरवणकर ने विजेता एवं उपविजेता टीमों को ट्राफी व पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने आयोजन के लिए महानिदेशक, रेलवे सुरक्षा बल, नई दिल्ली के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता अत्यंत सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई और खिलाड़ियों ने खेल भावना का उत्कृष्ट परिचय दिया।
उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल अब रेल की एक सशक्त यूनिट के रूप में अंतर-रेलवे प्रतियोगिताओं में भाग ले रहा है, जिससे खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अवसर मिल रहा है। साथ ही आरपीएफ रेल यात्रियों की सुरक्षा एवं रेल संपत्ति की रक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
यह भी पढ़ें- 767 डॉक्टर आज चुनेंगे अपना अध्यक्ष, IMA की गोरखपुर शाखा के तीन पदों के लिए पड़ेंगे वोट
प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ, पूर्वोत्तर रेलवे तारिक अहमद ने बताया कि प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग की कुल आठ टीमों ने भाग लिया। टीमों को दो पूल में बांटकर कुल 16 मुकाबले खेले गए। प्रतियोगिता के प्रदर्शन के आधार पर भारतीय रेलवे सुरक्षा बल की टीम का चयन किया जाएगा, जो अंतर-रेलवे बास्केटबाल प्रतियोगिता एवं अखिल भारतीय पुलिस खेलों में भाग लेगी।
इस दौरान प्रमुख विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ रेल अधिकारी, विभिन्न क्षेत्रीय रेलों के प्रतिनिधि, बास्केटबाल संघ गोरखपुर तथा पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में खेल प्रेमी मौजूद रहे। |