अतिक्रमण हटते ही खुला काला सच
संवाद सूत्र, (रूपौली) पूर्णिया। रूपौली एवं बिरौली की अतिक्रमित सरकारी जमीन खाली होते ही एक ओर जहां ये जगहें खूबसूरत दिखने लगी हैं, वहीं दूसरी ओर यहां के लोगों का बदरंग चेहरा भी सामने आया है कि किस तरह उनके द्वारा एसएच 65 के किनारे खाली जमीन एवं बिरौली बाजार की खाली जमीन पर अतिक्रमण कर, उसे भाड़े पर लगा देते थे । विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बता दें कि प्रशासन ने शुक्रवार को मुख्यालय के एसएच 65 के किनारे एवं बिरौली बाजार की अतिक्रमित जमीन को खाली करवाया था । इस अतिक्रमण ने रूपौली एवं बिरौली को बदसूतर बना डाला था ।
सड़क को बना दिया पगडंडी
इससे एकओर जहां यातायात प्रभावित होता था तथा हमेशा दुर्घटनाएं होती रहती थीं, वहीं बिरौली बाजार की सड़क तो दुकानदारों द्वारा पगडंडी की तरह बना डाला था। इस अतिक्रमण के पीछे एक काला सच भी देखने को मिला है।
यहां के अतिक्रमण हटते ही विस्थापित गरीब लोगों ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि स्थानीय लोग एसएच 65 एवं बिरौली की सरकारी जमीन को जानबूझकर अतिक्रमित करते थे तथा उस जमीन को किराए पर लगाते थे। मुख्यालय में प्रशासन के नाक के नीचे तथा प्रखंड गेट के सामने सरकारी जमीन का अतिक्रमित कर किराए लगाए हुए थे ।
प्रशासन को खबर तक नहीं
प्रत्येक माह उन्हें वे निर्धारित किराया देते थे। आश्चर्य तो यह है कि ऐसा सब सरेआम हो रहा था, परंतु प्रशासन को खबर तक नहीं थी या फिर वह अनदेखी कर दिया करता था। कुल मिलाकर प्रशासन ने अतिक्रमण तो हटा दिया है, परंतु यह अतिक्रमण मुक्त कब तक रहेगा, इसका किसी को पता नहीं है।
इससे पहले भी दो-दो बार अतिक्रमण हटाया गया है, परंतु कुछ ही दिनों बाद फिर से पूरी जमीन को अतिक्रमण कर लिया गया था। कुल मिलाकर अतिक्रमण से तो दोनों जगहों का चेहरा खुबसूरत तो दिखने लगा है, परंतु यह कब तक खुबसूरत रहेगा, यह आने वाला समय ही बताएगा। |