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जागरण संवाददाता, आगरा। टनल में ट्रैक निर्माण में देरी के चलते 20 दिसंबर से पांच स्टेशनों पर मेट्रो का परीक्षण नहीं होगा। अब यह परीक्षण जनवरी के दूसरे सप्ताह से शुरू होगा जो दो माह तक चलेगा। इस अवधि में मेट्रो को पांच से 90 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने इसका कार्यक्रम जारी कर दिया है। नई दिल्ली, लखनऊ और नोएडा की टीमें ट्रैक, मेट्रो की जांच करेंगी। अप्रैल के पहले सप्ताह से बिजलीघर चौराहा से लेकर आइएसबीटी तक मेट्रो का संचालन शुरू होगा। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं।
मेट्रो का पहला कॉरिडोर 14 किमी लंबा
मेट्रो का पहला कारिडोर 14 किमी लंबा है। इसमें छह किमी पर कार्य पूरा हो चुका है। डेढ़ साल पूर्व मेट्रो का संचालन भी हो रहा है। बिजलीघर चौराहा से आरबीएस कालेज चौराहा तक साढ़े चार किमी लंबी टनल बनी है। आरबीएस कालेज से खंदारी रैंप तक टनल और इसके बाद आइएसबीटी तक एलीवेटेड मेट्रो ट्रैक है। टनल में ट्रैक का निर्माण इस माह के पहले सप्ताह तक पूरा होना था। इसी के चलते 20 दिसंबर से पांच मेट्रो स्टेशनों में परीक्षण होना था। इन स्टेशनों में एसएन मेडिकल कालेज, आगरा कालेज, राजा की मंडी, आरबीएस कालेज, आइएसबीटी शामिल हैं। ट्रैक निर्माण में देरी के चलते अब यह कार्य जनवरी के दूसरे सप्ताह से चालू होगा।
संयुक्त महाप्रबंधक, जनसंपर्क पंचानन मिश्र ने बताया कि बिजलीघर चौराहा से आइएसबीटी तक मेट्रो का परीक्षण होगा। सबसे पहले अप और फिर डाउन ट्रैक पर परीक्षण होगा। शुरुआत में मेट्रो की गति पांच किमी होगी फिर इसे बढ़ाकर 90 किमी प्रति घंटा किया जाएगा। परीक्षण के दौरान यात्रियों को कोच में बैठने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षण दिन में पांच से आठ बार होंगे।
के तुरंत बाद ट्रैक, सिग्नल सहित अन्य की जांच की जाएगी। अप्रैल के पहले सप्ताह से मेट्रो का संचालन शुरू होगा। उन्होंने बताया कि मेट्रो से बिजलीघर चौराहा से आइएसबीटी पहुंचने में 14 मिनट लगेंगे। किराया 30 रुपये प्रति यात्री होगा।
चल रहा है कार्य
खंदारी चौराहा से लेकर गुरु का ताल कट के पास तक एलीवेटेड मेट्रो ट्रैक बन चुका है। गुरु का ताल कट से लेकर सिकंदरा तिराहा तक कार्य चल रहा है। इस हिस्से में गर्डर रखे जा रहे हैं।
सबसे बड़े 65 मीटर लंबे गर्डर का होगा प्रयोग : आगरा सहित प्रदेश के आधा दर्जन शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है। अभी तक गर्डर 28 से 40 मीटर तक लंबे रखे गए हैं। भगवान टाकीज चौराहा और रावली पुलिया पर क्रमश: 62 और 65 मीटर लंबे गर्डर का प्रयोग होगा। यूपीएमआरसी की टीम रुनकता स्थित डंपिंग यार्ड में इनका निर्माण कर रही है।
सामान्यतौर पर एक गर्डर का वजन 165 से 185 टन होता है। मगर, दोनों विशेष गर्डर का वजन 650 टन के आसपास होगा। चौड़ाई चार से साढ़े चार मीटर तक होगी। दोनों गर्डर का प्रयोग मेट्रो के दूसरे कारिडोर में होगा। इससे भगवान टाकीज चौराहा और रावली पुलिया के पास पिलर का निर्माण नहीं होगा। वहीं अन्य जगहों के मुकाबले यहां पर पिलर 15 से 16 मीटर ऊंचे होंगे। बाकी जगहों पर पिलर 11 से 13 मीटर तक ऊंचे हैं। |
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