स्की के शौकीन पर्यटकों के लिए गुलमर्ग में एशिया की सबसे लंबी स्की ड्रैग लिफ्ट शुरू, जानिए क्या है खास

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गुलमर्ग में स्कीइंग का अनुभव अब और भी रोमांचित।



राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। दुनियाभर में स्की के शौकीन गुलमर्ग में पहले भी स्कींग के लिए आते थे जब उनके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने खास प्रबंध किए हैं। सरकार ने एशिया की सबसे लंबी स्की ड्रैग लिफ्ट का निर्माण कर इसे खोलकर इंटरनेशनल विंटर स्पोर्ट्स मैप पर दर्ज करवा दिया है, वहीं पर्यटकों को और बेहतर सुविधाएं देने के लिए आकर्षित करने के लिए सबसे ऊंचाई पर स्थित एक बहुद्देश्शीय कक्ष जिसमें रिवाल्विंग रेस्तरां और कान्फ्रेंस हाल भी बनाया है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गत शनिवार को इन परियोजनाओं का उद्घाटन कर ये सुविधाएं पर्यटकों के लिए शुरू की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन सुविधाओं की बहाली से गुलमर्ग में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के गुलमर्ग के कोंगडोरी में स्की ड्रैग लिफ्ट से रिसॉर्ट में स्कीइंग इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी सुधार होगा और इंटरनेशनल विंटर स्पोर्ट्स मैप पर इसकी स्थिति मजबूत होगी। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के ऑफिस ने X पर एक पोस्ट में कहा, “मुख्यमंत्री ने आज गुलमर्ग के कोंगडोरी में एशिया की सबसे लंबी स्की ड्रैग लिफ्ट का उद्घाटन किया।

यह ऐतिहासिक बदलाव स्कीइंग इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी बेहतर बनाएगा और इंटरनेशनल विंटर स्पोर्ट्स मैप पर गुलमर्ग की पहचान को और मजबूत करेगा।“ अब्दुल्ला एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ATOAI) के 17वें सालाना कन्वेंशन के कर्टेन रेजर इवेंट में भी शामिल हुए।  

उन्होंने कहा कि गुलमर्ग को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनाने के प्रयास जारी हैं और पहलगाम हमले के बाद पर्यटन को पहुंचे नुक्सान की भरपाई का प्रयास किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के लिए हालात सामान्य और सुरक्षित हैं, लेकिन पर्यटन स्थलों को बंद करने का फैसला उनकी सरकार का नहीं था। उन्होंने पर्यटन विकास और संरक्षण में तकनीक के प्रयोग पर जोर देने के साथ ही सभी संबधित पक्षों को सदाबहार टिकाऊ पर्यटन की बहाली के लिए व्यावहारिक और स्थायी समाधान खोजने का भी आग्रह किया।
3.65 करोड़ से तैयार हुई एशिया की सबसे लंबी स्की ड्रैग लिफ्ट

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रदेश को वैश्विक शरदकालीन पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रयासों के तहत आज गुलमर्ग और उसके आस-पास के इलाकों में 17 करोड़ रूपये से ज्यादा लागत से तैयार पर्यटन सुविधाएं व योजनाएं जनता को समर्पित की। उन्होंने कांगडोरी में 3.65 करोड़ की लागत से 726 मीटर लंबी एशिया की सबसे लंबी स्की ड्रैग लिफ्ट का उद्घाटन किया।  

कांगडोरी में 0.90 करोड़ की लागत से जलनिकाय संरक्षण योजना भी जनता को समर्पित करने के अलावा अफरवट में जेकेसीसीसी द्वारा 0.86 करोड़ की लागत से बनाए गए रोटेटिंग कान्फ्रेंस हाल व रेस्तरां का उद्घाटन किया। यह घूमने वाला रेस्तरा और कान्फ्रेंस हाल गुलमर्ग के पर्यटन ढांचे को और आकर्षक बनाता है। अपने गुलमर्ग दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने गुलमर्ग गोल्फ कोर्स के संरक्षण के लिए 4.77 करोड़ रूपये लागत वाली चहारदिवारी/ फेंसिंग की नींव रखी।  

उन्होंने 0.82 करोड़ की अनुमानित लागत वाले गुलमर्ग विकास प्राधिकरण के कार्यालय की इमारत, 0.64 करोड़ की लागत से हट नंबर 2 का पुनर्निर्माण, 2.62 करोड़ की लागत से अलम्बल सड़क के किनारे देवरी पथ का निर्माण, और 2.78 करोड़ की अनुमानित लागत वाली का पार्किंग सुविधा के निर्माण का भी नीवं पत्थर रखा।  
जम्मू-कश्मीर में विश्वस्तरीय ढांचा उपलब्ध कराने का प्रयास

बाद में पत्रकारों से बातचीत में मुख्मयंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर का उल्लेख किए बिना भारत में रोमांचकारी व साहसिक पर्यटन के बारे बात करना नामुमकिन है। जम्मू-कश्मीर में पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, राफ्टिंग और स्कीइंग की बहुत संभावनाएं हैं। हमारी कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर में विश्वस्तरीय पर्यटन ढांचा उपलब्ध रहे और पहलगाम व गुलमर्ग दुनिया के बेहतरीन पर्यटनस्थलों का मुकाबला कर सकें। दुनियाभर के पर्यटक यहां अाएं, इसके लिए हम लगातार प्रयास करते हैं, लेकिन इस वर्ष हालात ने हमारा साथ नहीं दिया।  

पहले पहलगाम हमला और उसके बाद आप्रेशन सिंदूर और फिर मौसम। उन्होंने कहा कि आज हिंदुस्तान का पर्यटक दुनिया भर में घूमने जाताहै और जब वह अपने देश में लौटता है तो वह स्थानीय सुविधाओं का दुनिया के अन्य मुल्कों में उपलब्ध सुविधाओं के साथ तुलना करताहै। इसलिए पर्यटन ढांचे का विकास मजबूरी और जरूरी-दोनों ही है। हम अपने पर्यटन ढांचे को लगातार विकसित बनाते रहेंगे। उम्मीद करेंगे कि हालात ठीक रहें और पर्यटन कश्मीर आना पसंद करेंगे।  
कश्मीर में बढ़ते प्रदूषण से भी पर्यटन पर पड़ रहा असर

हिमपात न होने और कश्मीर में बढ़ते प्रदूषण से पर्यटन पर असर संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा अगर यह असर सिर्फ गुलमर्ग तक सीमित होता तो मैं कहता कि यह यहीं तक सीमित है। मौसम हर जगह बदल रहा है। पूरे प्रदेश में सूखा पड़ा है। बीते डेढ़ माह में सामाय से 90 प्रतिशत कम बारिश हुई है और 22-23 दिसंबर तक हिमपात की कोई संभावना नजर नहीं आती। हम सभी को अपने तरीके बदलने होंगे।  

पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना होगा, पानी का सदुपयोग करना होगा, चेक डैम बनाने होंगे, रेन वाटर हार्वेस्टिंग करनी होगी,प्रदूषण को नियंत्रित करना होगा। इस सिलसिले मं जो सरकार कर सकती है,वह किया जा रहा हैलेकिन आम जनता को भी इसमें सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि एक समय वह भी था,जब देश के कुछेक हिस्सो में चंद दिनों के लिए ही स्कीईंग के मौा मिलता थ,लेकिन गुलमर्ग में यह लंबे समय तक होती थी।एक समय था जब यहां महीनों तक बर्फ रहती थी। अब, गुलमर्ग में भी सूखे के हालात हैं। हमें यूरोप की तरह आर्टिफिशियल बर्फ बनाने जैसे टेक्नोलाजिकल प्रयास करने चाहिए।  
पर्यटकों काे फिर कश्मीर लाने का हो रहा प्रयास

मुख्यमंत्री ने पहलगाम हमले से पर्यटन को पहुंचे नुक्सान का उल्लेख करते हुए कहा कि हम इसकी भरपाई का प्रयास कर रहे हैं। टूर आपरेटरों और पर्यटन जगत से जुड़े विभिन्न लोगों मं कश्मीर में पर्यटन के लिए आने के लिए भरोसा पैदा करना जरुरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की भूमिका बुनियादी ढांचागत सुविधओं को विकास व उनकी देखभाल तक सीमित है लेकिन पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए स्थानीय समुदाय और पर्यटन जगत से जुडे निजि लोगों की सामूहिक कोशिशें बहुत जरुरी हैं।  

पहलगाम हमले के बाद बंद किए गए पर्यटन स्थलों में से कई पर्यटनस्थलों के अभी भी बंद होने की आड़ में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि बदकिस्मती से पर्यटनस्थलों काे बंद करने का फैसला हमारा नहीं था। जब इस तरह के फैसले लिए जाते हैं तो हमसे सलाह नहीं ली जाती। पर्यटन स्थलों को फिर से खोलने का फैसला लेना यह हमारी निर्वाचित सरकार के कार्याधिकार क्षेत्र से बाहर है।  
पर्यटनस्थल बंद रखने से नहीं होंगे हालात सामान्य

उन्होंने कहा कि 1996 मेें तो आज की तुलना में हालात बहुत ज्यादा खराब थे, लेकिन हमने कभी पर्यटनस्थलों को बंद नहीं किया। एक तरफ आप कहते हैं कि हालात पूरी तरह से सामान्य और सुरक्षित हैं। जब तक आप पर्यटनस्थल बंद रखेंगे, तब तक हालात सामान्य होने व लागों में जम्मू कश्मीर में यात्रा करने की भावना कैसे पैदा सकते हैं।  

कुछ टूरिस्ट जगहों के बंद होने पर कमेंट करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें फिर से खोलने का फैसला सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात पहले से कहीं बेहतर हैं और नॉर्मल हालात बहाल करने और विज़िटर्स की संख्या बढ़ाने के लिए टूरिस्ट जगहों को फिर से खोलने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। मैं चाहूंगा कि पर्यटनस्थलों को बंद रखने के फैसले की जल्द समीक्षा हो।
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