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जागरण संवाददाता, बेतिया। अब जमीन की रजिस्ट्री नए रेट के अनुसार होगी। इसमें बदलाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके लिए एमवीआर में संशोधन किया जा रहा है, ताकि नए एमवीआर वर्तमान बाजार मूल्य के अनुसार हो सके। नए रेट जमीन की रजिस्ट्री की शुरुआत एक या दो माह में होने वाली है। नया रेट लागू होने के बाद से शहरी व ग्रामीण इलाके में रजिस्ट्री शुल्क 3 से 4 गुना बढ़ जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अभी प्रति वर्ष करीब 200 करोड़ राजस्व की प्राप्ति होती है। नए रेट से 400 से 600 करोड़ राजस्व प्रति वर्ष मिलेगा। शहरी क्षेत्र में 2016 व ग्रामीण क्षेत्र में 2013 से एमवीआर का पुनरीक्षण नहीं हुआ था। राजस्व ग्रामों के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
जिला मूल्यांकन समिति की ओर से नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत सहित राजस्व ग्रामों में इलाका वार एमवीआर रेट में पुनरीक्षण की तैयारी कर रही है। समिति पिछले स्थल निरीक्षण के दौरान मूल्य-सर्वेक्षण कार्य में जुटी हुई है और रिपोर्ट तैयार कर रही है। रजिस्ट्री विभाग सबसे ज्यादा जोर नगर निगम की नव अधिग्रहित क्षेत्रों पर दिया है, ताकि सरकार को नए एमवीआर से राजस्व की प्राप्ति हो सके।
राजस्व ग्रामों का किया जा रहा है नया प्रस्ताव तैयार
जिला अवर निबंधक ने बताया कि जिले के राजस्व ग्रामों का नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में एमवीआर रेट व बाजार रेट में काफी अंतर है। जमीन निबंधन से हर साल सरकार को लगभग 200 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होती है। जमीन के नए एमवीआर से जमीन रजिस्ट्री की रेट में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। नए बढ़े हुए रेट से सरकार के राजस्व में दो से तीन गुना इजाफा होने की संभावना है।
वर्तमान में मार्केट रेट से एमवीआर रेट बेहद कम
वर्तमान में प्रभावी संरचना की कोटियों के अनुरूप निर्धारित एमवीआर रेट बेहद कम है। अभी व्यावसायिक श्रेणी के डीलक्स संरचना का मूल्य 1492 रुपए प्रति वर्गफीट निर्धारित है, जबकि इसका बाजार मूल्य लगभग 5 हजार से 6 हजार प्रति वर्गफीट तक है। इसी तरह आवासीय उपयोग वाली संरचना की रेट औसतन 800 से 1000 रुपए प्रति वर्गफीट निर्धारित है, जबकि इसका बाजार मूल्य लगभग 3000 से 5000 रुपए वर्गफीट तक है।
जिले में अब जमीन के वर्गीकरण की प्रक्रिया में भी बदलाव हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन के वर्गीकरण में व्यवसायिक भूमि, औद्योगिक भूमि, आवासीय भूमि, उच्च मार्ग तथा मुख्य सड़कों की दोनों तरफ की भूमि, सिंचित-भूमि, असिंचित-भूमि तथा बलुआही, दियारा एवं चंवर भूमि होगी।
वहीं शहरी क्षेत्र में प्रधान सड़क व्यावसायिक, आवासीय भूमि, मुख्य सड़क व्यवसायिक, आवासीय भूमि, औद्योगिक भूमि, शाखा सड़क व्यावसायिक, आवासीय भूमि, अन्य सड़क (गली) आवासीय भूमि तथा कृषि, गैर-आवासीय भूमि भी इसमें शामिल होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वर्ष 2013 व शहरी क्षेत्रों के लिए वर्ष 2016 में हुए एमवीआर के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री हो रही थी। विभागीय निर्देश पर जिले के नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत सहित राजस्व राजस्व ग्रामों में इलाका वार एमवीआर रेट में रिवीजन की पूरी तैयारी की जा रही है। रिपोर्ट तैयार करने के बाद विभाग को भेजा जाएगा। फिर इसे लागू किया जाएगा। - गिरीशचंद्र, जिला अवर निबंधक, बेतिया |
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