डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस जरूरी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस (उपस्थिति) को अनिवार्य किया जा रहा है। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा़ रतन पाल सिंह सुमन ने सभी जिला, महिला, संयुक्त चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर तैनात अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी स्वास्थ्य इकाइयों के प्रभारियों को इसी आधार पर वेतन जारी करने के निर्देश दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्वास्थ्य विभाग के 105 जिला, पुरुष, महिला और संयुक्त अस्पताल हैं। इसके अलावा 975 सीएचसी और 3750 से अधिक पीएचसी हैं। पहले चरण में अस्पतालों और सीएचसी पर बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में पीएचसी पर भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए व्यवस्था की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग में लगभग 8,500 डॉक्टर , 6,500 फार्मासिस्ट, 2,200 लैब टेक्नीशियन, 820 एक्सरे टेक्नीशियन, पांच हजार नर्स, 15 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, ईसीजी टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट, डार्क रूम टेक्नीशियन हैं। इन सभी को अब बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना जरूरी होगा।
इसके अलावा सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और अपर निदेशक मंडल के कार्यालय में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
महानिदेशक ने बताया कि अस्पतालों में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए जरूरी उपकरणों को लगाने के लिए लगभग दो माह का समय दिया गया है। इसके बाद सभी को बायोमेट्रिक उपस्थिति ही दर्ज करानी होगी। इसके बाद ही वेतन जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि दूरस्थ व ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर लगातार सरकार प्रयास कर रही है। लंबे समय से अनुपस्थित डॉक्टर को बर्खास्त भी किया जा रहा है। अब बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था से सभी की निगरानी करना संभव हो जाएगा। |