व्यवस्था के अभाव में पंचायत सरकार भवन अधूरा सपना। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, तारडीह। सरकार की मंशा थी कि पंचायत स्तर पर ग्रामीणों को एक ही छत के नीचे सभी विभागों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाए। इसी उद्देश्य से पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया गया, ताकि यह ग्रामीणों के लिए एक मिनी सचिवालय के रूप में कार्य करे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यहां जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आवास, पेंशन व कृषि योजनाओं से संबंधित जानकारी व आवेदन, शिकायत निवारण तथा कृषि, अंचल और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
बैंकिंग और डाकघर की सुविधा भी लोगों को मिल सके। लेकिन, विडंबना यह है कि सरकारी व्यवस्थाओं की कमी के कारण पंचायत सरकार भवन आम लोगों के लिए सिर्फ एक भवन बनकर रह गया है। अधिकांश पंचायत सरकार भवनों में बने कमरे खाली पड़े हैं और ताले लटके रहते हैं।
पंचायत सचिवों और अंचल कर्मियों को दो से तीन पंचायतों का प्रभार दिए जाने के कारण पंचायत सरकार भवनों पर उनकी उपस्थिति न के बराबर रहती है। स्थिति यह है कि पंचायत में तैनात कार्यपालक सहायकों को आईडी और पासवर्ड उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
इसके चलते न तो जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित कार्य हो पा रहा है और न ही पेंशन आवेदन या उसमें सुधार की प्रक्रिया पूरी हो पा रही है। मजबूरन ग्रामीणों को लगभग 10 किलोमीटर दूर प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है।
प्रखंड क्षेत्र में प्रथम चरण में लगमा, पोखरभिंडा और कुर्सोमछैता पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया गया था। वर्तमान में अन्य पंचायतों में भी निर्माण कार्य जारी है।
वहीं सरकार की ओर से यह भी घोषणा की गई है कि पंचायत सरकार भवनों में डाकघर, बैंक और लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन यह योजना कितनी कारगर साबित होगी, यह भविष्य के गर्भ में है।
पूर्व के पंचायत में बने पंचायत सरकार भवन की हालत भी जर्जर होती जा रही है। निर्माण के बाद आज तक मरम्मत के नाम पर कोई ठोस पहल नहीं की गई है। खिड़कियों के शीशे टूटे पड़े हैं और भवन की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।
एक ही छत के नीचे सभी सरकारी सुविधाएं नहीं हो रही उपलब्ध
मुखिया संघ के अध्यक्ष सह लगमा पंचायत के मुखिया रामाश्रय चौधरी का कहना है कि पंचायत सरकार भवन का मूल उद्देश्य था कि पंचायतवासियों को एक ही छत के नीचे सभी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, लेकिन यह उद्देश्य अब धूमिल होता नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि कार्यपालक सहायक मौजूद होने के बावजूद आईडी और पासवर्ड के अभाव में कोई भी सरकारी कार्य संभव नहीं हो पा रहा है। प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी खगेंद्र मोहन ने बताया कि विभागीय पत्र के आलोक में लगमा एवं पोखरभिंडा में डाक विभाग के कर्मियों ने संपर्क किया था।
कुर्सो मछैता पंचायत में डाकघर नहीं होने के कारण डाकघर की कोई सुविधा नहीं चालू हो पाई है। बैंक की किसी प्रतिनिधि ने अब तक कोई संपर्क नहीं किया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पंचायत सरकार भवनों में नियमित रूप से कर्मियों की तैनाती, तकनीकी सुविधाएं और रखरखाव की व्यवस्था की जाए, तो यह योजना वास्तव में ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो सकती है। |