सर्दियों में स्वस्थ रहने के सरल उपाय: डॉक्टर के सुझाव (Picture Credit- AI Generated)
सीमा झा, नई दिल्ली। सर्दी के दिनों में अनियमित दिनचर्या, खराब डाइट, नींद की कमी, प्रदूषण और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के चलते लोग शारीरिक और मानसिक अस्वस्थता का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जिम या कभी-कभार कुछ कसरत कर लेने या चेकअप कराते रहने से सेहत को दुरुस्त रखना आसान नहीं होता। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. ईश्वर बी बासवरेड्डी बताते हैं कि योग-व्यायाम को लेकर निरंतरता आवश्यक है। इससे पूरे सेहत की नींव तैयार होती है। इसलिए सर्दी में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं, जैसे-
- सुबह उठने के बाद पहले एक या दो गिलास गुनगुने पानी का सेवन करें। थोड़ी देर टहलें और सूक्ष्म व्यायाम करें।
- अगर सुबह उठने के बाद चाय पीने की आदत है तो इसे खाली पेट नहीं लेना चाहिए। इससे पूर्व गुनगुना पानी जरूर लें।
- योग का आरंभ सूर्य नमस्कार से करना चाहिए। थोड़े आराम के बाद कपालभाति करना चाहिए।
- भ्रामरी, भ्रस्तिका, भुजंगासन, अधोमुखआसन, पवनमुक्तासन के साथ-साथ शवासन इस मौसम में अत्यंत प्रभावी हैं।
- इन दिनों प्रदूषण का प्रकोप है। वातनीति, कपालभाति, जलनेति इसके दुष्प्रभाव से बचाते हैं।
- सर्दी में भूख अधिक लगती है। ऐसे में आपको संयमित आहार अपनाना चाहिए। नाश्ता, लंच या डिनर सभी स्वास्थ्यकर हों। इससे थकान, सुस्ती, कमजोरी कम होगी। इससे ऊर्जा बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- रात में सोने से पूर्व गुनगुने पानी से पैर, हाथ और मुंह धो लें। आराम से बैठकर 10-20 बार अनुलोम-विलोम करने के बाद सोने जाएं। इससे अच्छी नींद आएगी।
जलनेति है प्रदूषण से बचाव में सहायक
इसमें पानी से नाक की सफाई की जाती है। इसे साइनस, सर्दी-जुकाम, प्रदूषण से बचने के लिए किया जाता है। पानी को नेति पात्र की मदद से नाक के एक छिद्र से डाला जाता है और दूसरे से निकाला जाता है। इसे हमेशा विशेषज्ञ की देखरेख में या सही प्रशिक्षण लेकर ही करना चाहिए।
इन बातों का रहे ध्यान
- अगर नियमित योग कर रहे हैं तो इसे खाली या हल्के पेट करें। थोड़ा गुनगुने पानी का सेवन कर सकते हैं।
- योग के 20-30 मिनट बाद ही स्नान करें। योग करने के आधे घंटे के बाद कुछ खाएं।
- योगनिद्रा आसन करें। इससे रक्तसंचार बेहतर रहता है। मन शांत और सांस की परेशानी में कमी आती है।
- सर्दी में प्यास कम लगती है। पानी की कमी से डिहाड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।
- कसरत स्वाभाविक गति से करें। बलपूर्वक न करें। यदि सांस लेने में परेशानी हो, बैचेनी या दर्द हो तो सजग हो जाएं, विशेषज्ञों से परामर्श लें।
थोड़ी-सी मेहनत के कई फायदे
हेल्थ एक्सपर्ट मीनल पाठक के मुताबिक इस मौसम में लोग कंबल, रजाई से बाहर निकलकर वर्कआउट करने से बचना चाहते हैं। लेकिन, चुनौती देकर छोटी शुरुआत भी करें तो धीरे-धीरे सेहत में बड़ा बदलाव देख सकते हैं। शरीर में आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने के लिए और शरीर में गर्मी या ऊर्जा बनाए रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
हालांकि, हर व्यक्ति को अपने वजन के अनुसार ही कैलोरी बर्न करना चाहिए। रोजाना वर्कआउट की योजना बनाकर आगे बढ़ें तो इसका लाभ मिलता है और आगे बेहतर करने के लिए मनोबल बढ़ता है।
- जरूरी नहीं कि आप जिम ज्वाइन करें। वर्कआउट मेें जागिंग, साइकिलिंग या कोई अन्य एक्टिविटी भी हो सकती है। यह चलना, भागना और कोई खेल भी हो सकता है। बस इसे दिनचर्या में शामिल करना है।
- अधिक सर्दी है, बाहर जाने का मन नहीं है तो कुछ ऐसे कोर्स तैयार करें, जो आपको पसंद हों। जैसे, बिस्तर से नीचे उतरकर कुछ डांस स्टेप्स करना या कुछ पुशअप्स कर लेना।
- अगर आप सर्दी में वेट कंट्रोल करने का प्लान कर रहे हैं तो यह अच्छा समय है। इसके लिए कुछ एचआइआइटी यानी हाइ इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करें। 30-30 मिनट या 15-15 मिनट के ऐसे चक्र बनाएं, जिसमें सात से आठ तरह की कसरत कर सकें। यदि असमंजस है तो विशेषज्ञ की राय लें।
- अगर आपको लगता है कि वर्कआउट एक महंगी चीज है तो ऐसा सोचना गलत है। बस कुछ पैसे खर्च कर पांच या दस किलो का डंबल खरीद कर मांसपेशियों की मजबूती के लिए प्रयास कर सकते हैं। इससे आपको अपने शरीर का कैल्शियम का स्तर बनाए रखने में भी मदद मिलती है। हां, सर्दी के मौसम में किसी अपने को उपहार देना चाहते हैं तो यकीनन डंबल एक अच्छा चयन है।
सर्दियों में वर्कआउट के फायदे
- इम्यून सिस्टम की मजबूती- कसरत व वर्कआउट से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और सर्दी से होने वाली बीमारियों, फ्लू आदि से बचाव होता है।
- ऊर्जा में बढ़ोतरी- वर्कआउट से रक्त संचार बढ़ता है। आक्सीजन और पोषक तत्वों को पूरे शरीर में पहुंचाने में मदद मिलती है। इससे थकान दूर होती है और ऊर्जा बढ़ती है।
- मूड में सुधार- नियमित व्यायाम से एंडोर्फिन का उत्सर्जन बढ़ता है। यह एक प्राकृतिक मूड लिफ्टर है। इससे विंटर ब्लूज से बचाव कर सकते हैं, जो कि एक भावनात्मक विकार है। वजन घटाने में मददगार- सर्दियों के दौरान अधिक तेल-घी व भारी भोजन के सेवन से वजन बढ़ने का खतरा रहता है। अगर कसरत व वर्कआउट करें तो वजन प्रबंधन में मदद मिलती है।
- पुरानी बीमारियों का कम जोखिम- नियमित वर्कआउट से हार्ट डिजीज, कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है।
- नींद की गुणवत्ता में सुधार- अगर आप नींद की परेशानी से जूझ रहे हैं तो रेगुलर वर्कआउट और व्यायाम करने से इसकी गुणवत्ता बेहतर करने में मदद मिल सकती है।
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