जागरण संवाददाता, वाराणसी। रामनगर में मुक्ताकाशीय मंच पर आयोजित होने वाली विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला की भोर की आरती में सोमवार को लीला प्रेमियों का जनज्वार उमड़ पड़ा। आस्था के इस मेले में सैलाब रामनगर दुर्ग से लेकर लीला स्थल तक तड़के सूर्योंदय के काफी पूर्व ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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#Varanasi : विश्व प्रसिद्ध मुक्ताकाशीय मंच पर रामनगर की रामलीला की भोर की आरती। pic.twitter.com/8GUd2HU8Bw— Abhishek sharma (@officeofabhi) October 6, 2025
आस्था का यह पर्व मानो स्वत: स्फूर्त होकर लीला स्थल ही ओर शांत भाव से बढ़ चला। लीला के स्वरूपों के प्रात:कालीन पूजन के साथ ही हर हर महादेव के साथ जय श्री राम का घोष गूंजा तो बाबा की नगरी राममय हो गई।
वहीं किला स्थित हनुमान जी के दर्शन के लिए सुबह से ही कतार बद्ध महिला पुरुष नजर आए। रामनगर में रामलीला के भोर की आरती के पश्चात दर्शन देते प्रभु श्रीराम सीता सहित चारों भाइयों को देखकर रामनगर की जनता भक्तिभाव से ओत प्रोत नजर आई और भावों के सागर में राम के दर्शन सहित राम दरबार की पूर्णता को बारंबार नमन करती रही।
विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला की भोर की आरती में आस्था का कोई ओर छोर नजर नहीं आया। जहां तक नजर वहां तक आस्था का जनज्वार मानो राम के पग में अपनी आस्था व्यक्त करने पहुंच चुकी हो। आरती समाप्त होते ही और स्वरूपों के मंच से उतरते ही प्रसाद के रूप में में मंच पर लगे कमल के फूलों को लेने के लिये होड़ मच गयी।
श्रीराम राज्याभिषेक के बाद नगर की सड़कें सारी रात गुलजार रही। सोमवार को भोर में होने वाली आरती को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग पूरी रात नगर में जगह जगह हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिरकत करते दिखे।सोमवार प्रातःकाल जैसे ही 5.32 बजे काशिराज परिवार के अनन्त नारायण सिंह किले से बाहर आते है हर हर महादेव के उदघोष से पूरा नगर गूंज उठता है।
भीड़ इतनी की मानो लोग पानी की तरह बह रहे हों। आस्था अपने चरम पर थी । काशिराज परिवार के अनन्त नारायण सिंह अपने राजपरिवार के सदस्यों व दरबारियों के साथ दुर्ग से पैदल चलकर अयोध्या मैदान पहुंचते है । सुबह 5 बजकर 37 मिनट पर भगवान भास्कर ने जैसे ही अपनी आँखें खोली, माता कौशल्या ने अयोध्या के सिंहासन पर विराजमान श्रीराम व सीता साथ में खड़े भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न तथा श्रीराम के चरणों मे नतमस्तक भक्त शिरोमणी हनुमान जी की आरती उतारी।
भोर की आरती के नाम से प्रसिद्ध इस आरती को लेने के लिए अयोध्या मैदान व आस पास के भवनों पर देर रात्रि से ही जमे लीलाप्रेमियो ने सपरिवार रंग-बिरंगी महताबी की लाल श्वेत रोशनी में इस अनुपम झांकी को अपने मानस पटल पर अंकित कर लिया। अनन्त नारायण सिंह ने भी खड़े होकर राम राज्याभिषेक की आरती का दर्शन कर अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित परम्पराओं का बखूबी निर्वहन किया।
हर हर महादेव के उदघोष के बीच अनंत नारायण सिंह जहां आरती परम्परा के बाद निकले वहीं श्री राम को कंधे पर उठाये बजरंग बली व सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न को उठाये भक्तगणों के साथ पांचों स्वरूप बाजार भृमण का प्रसंग सम्पन्न कराने लीलास्थल से बलुआघाट स्थित धर्मशाला पहुंचे। इस आयोजन के दौरान लगा मानो काशी भगवान राम की नगरी अयोध्या बन गई हो।
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