जागरण संवाददाता, मेरठ। नगर निगम ने शुक्रवार को मुख्यालय, कंकरखेड़ा और शास्त्रीनगर जोनल कार्यालयों पर गृहकर समाधान शिविर आयोजित किया। शिविरों में बढ़े बिलों की शिकायत लेकर 250 से ज्यादा भवन स्वामी पहुंचे। सत्यापन में किसी का आवासीय बिल कामर्शियल निकला तो किसी के घर दो बिल पहुंचने की शिकायत मिली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुछ भवन स्वामी जलकर व जलमूल्य दोनों ही रसीदें लेकर पहुंचे। भवन स्वामी निगम अधिकारियों से यही पूछते रहे कि उनका बिल बढ़ कैसे गया। अधिकारी बिल लेते, जीआइएस आइडी के लिंक पर जाते। पीटीआइएन संख्या डालते और भवन स्वामी को उनके मकान की जीआइएस सर्वे के दौरान ली गई फोटो दिखाते।
भवन स्वामी की हां करने पर बिल संशोधन के लिए दोबारा गणना करते। सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक शिविर में बिल संशोधन के लिए स्वकर फार्म भरवाए गए। जिनके दो बिल पहुंच गए थे, उनकी नई आइडी को निरस्त करते हुए पहले बिल को मान्य किया गया। जलकर व जलमूल्य में से एक ही ज्यादा धनराशि वाला बिल जमा करने के लिए कहा गया। शास्त्रीनगर जोनल कार्यालय में नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने खुद कमान संभाली।
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कर अधीक्षक विनय शर्मा की टीम उनके निर्देशन पर बढ़े बिलों का निस्तारण करती रही। यहां लगभग 86 भवन स्वामी आए। इनमें से 17 की समस्या नगर आयुक्त ने सुनीं। शास्त्रीनगर के ब्लाक से आए एक भवन स्वामी जीआइएस आइडी के लिंक पर अपने मकान को नहीं पहचान पाए तो तुरंत नगर आयुक्त ने एक राजस्व निरीक्षक उनके घर भेजा। जीपीएस फोटो मंगवाई। दोनों फोटो का मिलान करने पर सही पाए। जिसके बाद लगाए गए कर की दोबारा गणना करते हुए बिल संशोधित किया गया।
न्यू डिफेंस कालोनी स्थित कंकरखेड़ा जोनल कार्यालय पर अपर नगर आयुक्त लवी त्रिपाठी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एसके गौतम ने सुनवाई की। यहां पर लगभग 81 लोग व पल्लवपुरम स्थित अंसल टाउन के 22 लोग पहुंचे। सभी की आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए स्वकर फार्म भरवाए गए।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि कुछ मामले ऐसे भी रहे, जिनको पहले आवासीय गृहकर का बिल जा रहा था। लेकिन उन्होंने मकान में छोटी सी दुकान भी बना रखी है। जीआइएस सर्वे के दौरान ऐसे भवनों को कामर्शियल भवनों की श्रेणी में ले लिया गया है। जिससे उनका इस साल का बिल कामर्शियल हो गया है। इसके चलते उनके बिल बढ़ गए। लोगों की आपत्ति पर उनके सामने दोबारा गणना करके उन्हें बताया गया।
मुख्यालय जोन नगर निगम कार्यालय सभागार में कर निर्धारण अधिकारी शिप्रा श्रीवास्तव की टीम ने 80 से ज्यादा बढ़े गृहकर बिलों की शिकायत सुनीं। मुख्यालय जोन में कुछ क्षेत्र ऐसे पाए गए जहां पिछले वर्ष तक मकान का गृहकर बिल 100 रुपये से भी कम जमा हो रहा था। जबकि जीआइएस आइडी के लिंक पर दो मंजिला मकान की फोटो मौजूद है। ऐसे भवन स्वामियों ने बढ़े बिल की शिकायत की तो उनको मकान की फोटो दिखाई गई। जिसके बाद कुछ भवन स्वामियों ने तत्काल अपने बिल जमा कर दिए। |