LHC0088 • 2025-12-27 21:27:33 • views 355
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, सुपौल। जी-रामजी योजना में फर्जी फोटो अपलोड कर मजदूरी हड़पने के मामलों पर अब सख्ती होने जा रही है।
इसके लिए जिले के सक्रिय जॉब कार्डधारकों की ई-केवाईसी कराया जा रहा है। ई-केवाईसी होने के बाद ही कार्यस्थल पर श्रमिकों की उपस्थिति एप के माध्यम से दर्ज की जा सकेगी।
व्यवस्था के तहत यदि किसी श्रमिक की फोटो दोबारा या किसी दूसरे कार्यस्थल की अपलोड की गई तो एप उसे स्वतः खारिज कर देगा। इससे फर्जी उपस्थिति के आधार पर मजदूरी भुगतान की गड़बड़ी पर प्रभावी रोक लगेगी।
803698 हैं सक्रिय जी-रामजी जॉब कार्डधारक
मजदूरों की ई-केवाईसी मामले जिले की स्थिति काफी बेहतर है। इस मामले में जिला सूबे में दूसरे स्थान पर है। जबकि टॉप में बक्सर है। जिले में आधार से लिंक कुल 803698 सक्रिय जी-रामजी जॉब कार्डधारक हैं, जिनमें अब तक 428109 श्रमिकों की ई-केवाईसी हो पूरी हो चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रतिशत के लिहाज से देखें तो कुल जॉब कार्डधारी मजदूरों में से 53.27 फीसद मजदूर का ई-केवाईसी कर लिया गया है, जो राज्य में दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर बक्सर है जहां अबतक 56.9 फीसद का ई-केवाईसी पूरा कर लिया गया है।
एप पकड़ लेगा श्रमिक की दोबारा फोटो
नई व्यवस्था के तहत यदि किसी श्रमिक की फोटो दोबारा या किसी दूसरे कार्यस्थल की अपलोड की गई तो एप उसे स्वतः खारिज कर देगा। इससे फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी।
ई-केवाईसी के बाद कार्यस्थल पर ली गई फोटो का मिलान सीधे आधार में दर्ज फोटो से होगा। एप यह भी जांचेगा कि फोटो सही कार्यस्थल से ही अपलोड की गई है या नहीं।
अनियमितताओं पर लगेगा अंकुश
जी-रामजी डीपीओ कृष्णा कुमार ने बताया कि एप में ऐसी तकनीक जोड़ी गई है, जिससे श्रमिक की पहचान आंख की रेटिना के माध्यम से की जा सकेगी।
यदि मिलान में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो फोटो को एप स्वीकार नहीं करेगा। इससे कार्यस्थल से दूर बैठकर फोटो अपलोड करना संभव नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों की ई-केवाईसी पूरी होने के बाद मजदूरी भुगतान में होने वाली अनियमितताओं पर पूरी तरह अंकुश लगेगा। |
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