क्यों PCOS और मोटापे के मामले बढ़ रहे हैं? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के शहरी भारत में PCOS (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), मोटापा और हार्मोनल असंतुलन शहरी महिलाओं में तेजी से बढ़ती समस्या बन गए हैं। इनके पीछे की सबसे बड़ी वजह है तेजी से बदलती लाइफस्टाइल। शहरी माहौल में रहन-सहन और खान-पान में काफी बदलाव आ चुका है, जिसके कारण महिलाओं में ये समस्याएं बढ़ रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन समस्याओं के पीछे लाइफस्टाइल से जुड़े कारणों और बचाव के तरीकों के बारे में जानने के लिए हमने डॉ. मनन गुप्ता (चेयरमैन एंड एचओडी ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी, एलांटिस हेल्थ केयर नई दिल्ली) से बात की। आइए जानें इस बारे में डॉक्टर क्या कहते हैं।
आधुनिक जीवनशैली
शहरों में रोजमर्रा का रूटीन अक्सर बिजी, स्ट्रेसफुल और सेडेंटरी होती है। लंबे समय तक डेस्क पर बैठे रहना, फिजिकल एक्टिविटीज की कमी, और अनियमित स्लीप साइकिल शरीर की नेचुरल सार्केडियन रिदम को बिगाड़ते हैं। इससे इंसुलिन रेजिस्टें, थायरॉयड असंतुलन और कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जो सीधे PCOS और वजन बढ़ने से जुड़ा है।
डाइट में बदलाव
शहरी खानपान में प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड कार्ब्स, शुगर से भरपूर ड्रिंक्स और अनहेल्दी फैट्स की भरमार है। ऐसी डाइट न सिर्फ मोटापा बढ़ाती है, बल्कि शरीर में सूजन और इंसुलिन रेजिस्टेंस भी पैदा करती हैं। साथ ही, पोषक तत्वों की कमी, खासतौर से विटामिन-डी, आयरन और ओमेगा-3, भी हार्मोनल बैलेंस को और प्रभावित करते हैं।
पर्यावरण और प्रदूषण
शहरों में वायु प्रदूषण, प्लास्टिक से निकलने वाले एंडोक्राइन-डिसरप्टिंग केमिकल्स (जैसे BPA), और फल-सब्जियों में कीटनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल शरीर के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ देते हैं। ये “हार्मोनल हैकर्स“ एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोन के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ सकते हैं।
स्ट्रेस
करियर की चुनौतियां, लंबी कम्यूटिंग, पारिवारिक जिम्मेदारियां और सामाजिक अपेक्षाएं शहरी महिलाओं पर लगातार मानसिक दबाव बनाए रखती हैं। लंबे समय तक बना रहने वाला स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाता है, जो रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स को प्रभावित करके PCOS के लक्षणों को बढ़ाता है और पेट के आसपास चर्बी बढ़ाने में योगदान देता है।
बचाव के लिए क्या करें?
इन चुनौतियों से निपटने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है-
- हेल्दी डाइट- फाइबर से भरपूर खाना, प्रोटीन, हरी सब्जियां और होल ग्रेन को डाइट में शामिल करें। शुगर और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।
- नियमित एक्सरसाइज- हफ्ते में 5 दिन 30-45 मिनट की एक्सरसाइज, जिसमें योग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो शामिल हों।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट- ध्यान, प्राणायाम, भरपूर नींद (7-8 घंटे) और हॉबीज के लिए समय निकालें।
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